मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस के सीमा विवाद के कारण सड़क हादसे में मृत युवक का शव घंटों सड़क पर पड़ा रहा

Road Accident 1736143161360 1736 (1)

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस के बीच सीमा विवाद ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। सड़क हादसे में मारे गए एक युवक का शव चार घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा, लेकिन पुलिस केवल यह तय करने में उलझी रही कि मामला किसके क्षेत्राधिकार में आता है। इस अमानवीय रवैये से हर कोई हैरान और गुस्से में है।

क्या है मामला?

घटना मध्य प्रदेश के हरपालपुर पुलिस थाना क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के महोबकंठ थाने के बीच की है। मृतक, 27 वर्षीय राहुल अहीरवार, दिल्ली मजदूरी के लिए जा रहा था। जब वह सड़क पार कर रहा था, तभी एक अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। हादसे में राहुल की मौके पर ही मौत हो गई।

घटनास्थल पर पुलिस का टालमटोल

हादसे की खबर मिलते ही आसपास के लोग भारी संख्या में मौके पर जुट गए और उन्होंने तुरंत मध्य प्रदेश के हरपालपुर थाने की पुलिस को सूचना दी। हालांकि, हरपालपुर पुलिस ने यह कहते हुए जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया कि हादसे का स्थान उत्तर प्रदेश के महोबकंठ थाने के अंतर्गत आता है।

इसके बाद ग्रामीणों ने उत्तर प्रदेश के महोबकंठ थाने को सूचना दी। लेकिन यूपी पुलिस ने भी यही तर्क दिया कि यह इलाका मध्य प्रदेश के अंतर्गत आता है। इस आपसी खींचतान के बीच शव घंटों सड़क पर पड़ा रहा और पुलिस मौके से गायब रही।

गांव वालों का गुस्सा और प्रदर्शन

पुलिस की इस बेरुखी से गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी और प्रदर्शन करने लगे। मृतक का परिवार भी मौके पर पहुंच गया और उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। एक वीडियो में मृतक के परिजन कह रहे हैं कि घटना मध्य प्रदेश में हुई है, लेकिन पुलिस मामले को टाल रही है।

4 घंटे बाद उठाया गया शव

करीब 4 घंटे तक चले इस ड्रामे के बाद अंततः मध्य प्रदेश पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें परिजन पुलिस की उदासीनता और धमकी भरे रवैये की शिकायत कर रहे हैं।

परिवार ने उठाए सवाल

राहुल अहीरवार के परिवार वालों का कहना है कि वह दिल्ली में मजदूरी करने के लिए निकला था। उसकी हाल ही में शादी हुई थी, और उसके सपने अभी अधूरे ही थे। परिवार ने सवाल उठाया कि पुलिस ने इतनी देरी क्यों की और सीमा विवाद के चक्कर में उनकी तकलीफ को नजरअंदाज क्यों किया।

देर से हुई कार्यवाही

राहुल के एक रिश्तेदार ने बताया कि हादसा शाम करीब 7 बजे हुआ था, लेकिन पुलिस ने रात 11 बजे आकर शव उठाने की प्रक्रिया शुरू की। चार घंटे तक सड़क पर शव पड़ा रहा और पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोई तत्परता नहीं दिखाई।

जन आक्रोश और मांग

इस घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है। ग्रामीणों और परिजनों ने मांग की है कि दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो और टक्कर मारने वाले वाहन का पता लगाकर उसके चालक को गिरफ्तार किया जाए।