ड्राइविंग लाइसेंस नियम: अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बारे में सोच रहे हैं तो यह आपके लिए सही समय साबित हो सकता है। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के दौरान टेस्ट किसी भी यूजर के लिए सबसे ज्यादा परेशानी भरा होता है। लाइसेंस बनवाने के लिए आपको एक टेस्ट पास करना होता है। अगर आप टेस्ट पास नहीं कर पाते हैं तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल सकता है।
ड्राइविंग लाइसेंस के नियम समय के साथ बदलते रहते हैं। अगर आप युवा हैं तो आपको लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको किसी टेस्ट की जरूरत नहीं होती। लेकिन अगर आप लर्निंग लाइसेंस बनवा लेते हैं तो आप सिर्फ गियरलेस गाड़ी या स्कूटर ही चला सकते हैं। साथ ही लर्निंग लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट की भी जरूरत नहीं होगी।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले आपको लर्निंग लाइसेंस की जरूरत होती है। लर्निंग लाइसेंस का मतलब है कि आप इस दौरान गाड़ी चलाना सीख सकते हैं। इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। टेस्ट पास करने के बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। इससे पहले लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाता है, जिसके लिए किसी टेस्ट की जरूरत नहीं होती।
टेस्ट पास करने के बाद ही आरटीओ ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता है। लर्निंग लाइसेंस के साथ गाड़ी चलाते समय आपको कई नियमों का खास ख्याल रखना पड़ता है। जब भी आप लर्निंग लाइसेंस के साथ कार चलाते हैं तो आपको कार के आगे और पीछे ‘L’ लिखा हुआ मिलेगा। यही वजह है कि कई लोग लर्निंग लाइसेंस के साथ गाड़ी चलाते समय कई नियमों का खास ख्याल रखते हैं।
दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आपके लिए थोड़ा आसान हो गया है। आप इसके लिए आसानी से ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। लेकिन टेस्ट और दस्तावेजों के लिए आपको RTO से संपर्क करना होगा।