धमतरी, 27 मई (हि.स.)।अप्रैल-मई महीना कई गांवों के लिए आफत बना रहता है। पेयजल के लिए ग्रामीणों को काफी भटकना पड़ता है। इनमें ग्राम बंगोली भी शामिल है। यहां शासन-प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर पानी टंकी व बोर खनन किया है, लेकिन कोई काम नहीं आ रहा है। गांव में पेयजल संकट बना हुआ है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से पेयजल के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं।
ग्राम बंगोली के ग्रामीण हरिनारायण कुर्रे, वेदलाल साहू, मुरली साहू, सावंत कुमार, आनंद, रज्जू, हेमलाल, टोमन सिंह, शत्रुघन समेत महिला बसंती टंडन, बानस बाई, पूनम आदि कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर नम्रता गांधी से मिलकर ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल की जरूरतों को देखते हुए नलजल योजना के तहत लाखों रुपये खर्च कर यहां पानी टंकी बनाया गया है। बोर भी खनन किया गया है, इसके बावजूद बोर में पर्याप्त पानी नहीं आ रहा है। इससे गांव में पेयजल संकट बना हुआ है। अप्रैल के बाद मई का महीना उन्हें भारी पड़ रहा है। ग्रामीणों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
ग्रामीण विकास समिति के नारायण साहू, चैतराम साहू, पूरन लाल साहू ने बताया कि पाइप लाइन बिछाने में पीएचई विभाग की लापरवाही आज ग्रामीणों को भारी पड़ रहा है। काम के दौरान पाइप बिछाने लेबल देखा गया और न ही नियमानुसार काम किया गया। गलत तरीके से काम कर चले गए। इसका खामियाजा आज ग्रामवासियों को भुगतना पड़ रहा है। उनकी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की आबादी एक हजार है। बंगोली के साथ ही आसपास कुर्रा, खपरी, बगौद, थूहा, नवागांव आदि गांवों में भी पानी की किल्लत है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इन गांवों में पेयजल की समस्या दूर करने की मांग की है