डीआरडीओ ने एचएएल को सौंपा तेजस एमके-1ए का एयर ब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने शुक्रवार को एलसीए तेजस एमके-1ए के लिए स्वदेशी लीडिंग एज एक्चुएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है। इसे वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में महत्वपूर्ण छलांग माना जा रहा है। एचएएल ने वायु सेना के लिए दिए गए पहले ऑर्डर के 83 एलसीए तेजस एमके-1ए विमानों का उत्पादन करने की तैयारी पहले ही कर ली है।

डीआरडीओ के मुताबिक एलसीए तेजस का सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल अत्याधुनिक सर्वो वाल्व आधारित इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक सर्वो एक्चुएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल से लैस है, जिसमें लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। सर्वो एक्चुएटर्स और नियंत्रण मॉड्यूल अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण, असेंबली और परीक्षण की विशेषता रखते हैं। यह एडीए की निरंतर खोज और स्वदेशी तकनीकी कौशल का परिणाम हैं।

हैदराबाद की रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) और बेंगलुरु की सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (सीएमटीआई) के साथ सहयोग करके एडीए इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्चुएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिए उड़ान परीक्षणों के सफल समापन ने उत्पादन मंजूरी का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, जिससे एलसीए तेजस के एमके-1ए संस्करण को लैस किया जाएगा।

इन महत्वपूर्ण घटकों का उत्पादन लखनऊ के एचएएल में सहायक उपकरण प्रभाग में चल रहा है, जो भारत की एयरोस्पेस विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस प्रयास में गोदरेज एयरोस्पेस सहित सार्वजनिक और निजी उद्योगों का उल्लेखनीय योगदान रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए एडीए, आरसीआई, एचएएल, सीएमटीआई और सभी भाग लेने वाले उद्योगों की पूरी टीम को बधाई दी।