डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, अपनी विनम्र शख्सियत और मजबूत फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उनके कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के संबंधों में ऐतिहासिक प्रगति हुई, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख बढ़ाई। लेकिन यह प्रगति पाकिस्तान को रास नहीं आई। तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने डॉ. मनमोहन सिंह पर विवादित टिप्पणी कर खुद को मुश्किल में डाल लिया।
नवाज शरीफ की टिप्पणी और विवाद
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान, नवाज शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को “देहाती औरत” कहने की गलती कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से पाकिस्तान की शिकायत करते हैं।
- नवाज शरीफ की आलोचना:
- उनकी टिप्पणी पर जबरदस्त आलोचना हुई।
- बाद में सफाई देते हुए नवाज ने कहा कि उन्होंने ऐसी बात कभी नहीं कही।
- भारतीय राजनीति में प्रतिक्रिया:
- उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ पर जमकर निशाना साधा।
नरेंद्र मोदी का जवाब: “वे 125 करोड़ देशवासियों के प्रधानमंत्री हैं”
नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में नवाज शरीफ की टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया।
- मोदी के बयान:
- “हम अपने प्रधानमंत्री से नीतियों पर बहस करेंगे, लेकिन वे 125 करोड़ देशवासियों के प्रधानमंत्री हैं। नवाज शरीफ की क्या औकात है कि वे उन्हें ‘देहाती औरत’ कहें।”
- मीडिया पर भी निशाना:
- नरेंद्र मोदी ने उन भारतीय पत्रकारों की भी आलोचना की जो नवाज शरीफ के साथ बैठकर मिठाई खा रहे थे।
- उन्होंने कहा, “उन पत्रकारों को नवाज की मिठाई को ठोकर मारकर बाहर आ जाना चाहिए था।”
घटना का संदर्भ: न्यूयॉर्क की अनौपचारिक बातचीत
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान, नवाज शरीफ और डॉ. मनमोहन सिंह न्यूयॉर्क में मौजूद थे।
- पाकिस्तानी पत्रकार का दावा:
- एक पाकिस्तानी टीवी पत्रकार ने दावा किया कि नाश्ते के दौरान अनौपचारिक बातचीत में नवाज शरीफ ने यह टिप्पणी की।
- बयान वापस लिया:
- विवाद बढ़ने के बाद नवाज शरीफ ने अपना बयान वापस ले लिया।
बराक ओबामा की तारीफ: मनमोहन सिंह की काबिलियत का सम्मान
डॉ. मनमोहन सिंह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान मिला। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में उनकी जमकर तारीफ की।
- ओबामा का बयान (2010):
- “जब भारत के प्रधानमंत्री बोलते हैं, तो पूरी दुनिया सुनती है।”
- “मनमोहन सिंह भारत की अर्थव्यवस्था के कुशल इंजीनियर हैं।”
- भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता:
- मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही अमेरिका के साथ ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौता फाइनल हुआ।