भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक निर्माण के लिए उनके परिवार को कुछ विकल्प पेश किए हैं। इनमें राष्ट्रीय स्मृति स्थल और अन्य प्रमुख स्थान शामिल हैं। स्मारक का स्थान तय होने के बाद, निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत होगी।
स्मारक की योजना और प्रक्रिया
सरकारी सूत्रों के अनुसार:
- परिवार द्वारा स्थान तय करने के बाद स्मारक के लिए ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।
- यह ट्रस्ट निर्माण योजना और बाद की सभी गतिविधियों की देखरेख करेगा।
- स्थान तय होने पर ट्रस्ट जमीन के लिए आवेदन करेगा।
- जमीन के आवंटन के बाद, सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
- इसके बाद ही स्मारक निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
कहाँ बनाया जा सकता है स्मारक?
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ था।
- उनके निधन के बाद कांग्रेस ने सरकार से स्मारक निर्माण की मांग की थी।
- सूत्रों के अनुसार, उनके स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल, या किसान घाट के पास 1-1.5 एकड़ जमीन आवंटित की जा सकती है।
कांग्रेस ने लगाए आरोप
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार को स्मारक के मुद्दे पर चिट्ठी लिखी और कुछ आरोप लगाए।
- कांग्रेस की मांग:
- डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और स्मारक एक ही स्थान पर होना चाहिए।
- कांग्रेस महासचिव ने कहा:
“देश की जनता यह समझ नहीं पा रही है कि सरकार को उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए एक स्थान तय करने में परेशानी क्यों हो रही है।”
डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृति और योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और उन्होंने अपने कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक नीति को एक नई दिशा दी। उनके निधन के बाद देशभर में शोक की लहर छा गई।
- उनकी स्मृति को संरक्षित करने के लिए एक प्रमुख स्मारक का निर्माण उनकी अद्वितीय उपलब्धियों का प्रतीक होगा।