दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओं से वादा किया था कि सरकार उन्हें हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इस वादे को ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ के नाम से 2024 के बजट में पेश किया गया था। हालांकि, अब तक इस योजना को लागू करने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। इसका मुख्य कारण दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति और वित्त विभाग की ओर से इसे ‘जोखिम भरा’ बताया जाना है।
वित्त विभाग ने जताई योजना पर चिंता
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने इस योजना के प्रस्ताव पर गंभीर चिंता जताई है। विभाग का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना लागू होती है, तो इससे सरकारी खर्च में भारी वृद्धि होगी। सब्सिडी पर होने वाला खर्च 15% से बढ़कर 20% तक हो सकता है, जो सरकार की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए एक बड़ा जोखिम है।
लोन लेकर योजना लागू करना भी मुश्किल
वित्त विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि दिल्ली सरकार के लिए लोन लेकर इस योजना को लागू करना आसान नहीं होगा। इससे सरकारी कर्ज बढ़ेगा और आर्थिक स्थिति पर दबाव पड़ेगा। वर्तमान में दिल्ली सरकार विभिन्न सब्सिडी योजनाओं पर पहले से ही भारी खर्च कर रही है, और इस नई योजना से वित्तीय संतुलन बिगड़ने का खतरा है।
मुख्यमंत्री का वादा और बजट 2024
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2024 के बजट में महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये देने की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन स्तर में सुधार करना था। दिल्ली सरकार का मानना था कि यह योजना महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी और उनके खर्चे में सहूलियत प्रदान करेगी।
हालांकि, बजट पेश होने के बाद भी योजना को लागू करने में वित्तीय बाधाएं सामने आई हैं, जिससे इसके क्रियान्वयन पर संदेह बरकरार है।
दिल्ली में सब्सिडी पर बढ़ता खर्च
दिल्ली सरकार पहले से ही कई लोक-कल्याणकारी योजनाओं पर भारी खर्च करती है, जैसे:
- बिजली सब्सिडी
- पानी मुफ्त योजना
- बस यात्रा में महिलाओं के लिए मुफ्त सुविधा
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर सब्सिडी
वित्त विभाग का मानना है कि इन योजनाओं के चलते सरकार की वित्तीय स्थिति पहले से ही दबाव में है। ऐसे में एक और सब्सिडी योजना लागू करना मुश्किल हो सकता है।
महिला सम्मान योजना के लागू न होने के संभावित कारण
- आर्थिक भार: योजना के लागू होने से सरकारी खर्च में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।
- कर्ज का संकट: लोन लेकर योजना लागू करने से सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा।
- वित्तीय संतुलन: मौजूदा योजनाओं के चलते वित्तीय संतुलन पहले से ही बिगड़ा हुआ है।
महिलाओं की उम्मीदों पर पानी
इस योजना के लागू न होने से दिल्ली की कई महिलाएं निराश हो सकती हैं, जिन्होंने इस वादे के बाद आर्थिक सहायता की उम्मीद की थी। मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना से न सिर्फ आर्थिक सहायता मिलती, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होता।