उत्तर प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा मार्ग को डबल लाइन में परिवर्तित करने की योजना बनाई जा रही है। इस कदम से यात्रियों की यात्रा और मालगाड़ियों के संचालन में सुधार होगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
डबल लाइन का महत्व
गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा मार्ग पर ट्रेनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
- संचालन में सुधार: डबल लाइन बनने के बाद ट्रेनों की देरी कम होगी और उनका संचालन सुगम हो जाएगा।
- मालगाड़ियों का तेज़ी से परिचालन: इस परियोजना से मालगाड़ियों की आवाजाही आसान होगी, जिससे स्थानीय उद्योगों को लाभ मिलेगा।
- यात्रियों के लिए सुविधाएं: ट्रेनों के समय में सुधार और यात्रा का अनुभव बेहतर होगा।
सर्वे और बजट की प्रक्रिया
इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है।
- सर्वेक्षण:
- बजट स्वीकृत होने के बाद सर्वे को 6 महीने में पूरा किया जाएगा।
- सर्वे के आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी।
- बजट की उम्मीद: आगामी रेलवे बजट में इस परियोजना को शामिल किए जाने की संभावना है।
इतिहास: मीटर गेज से ब्रॉड गेज तक
गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा मार्ग पर पहले मीटर गेज पर ट्रेनें चलती थीं।
- मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदलाव:
- 1994 में ब्रॉड गेज लाइन का काम शुरू हुआ।
- 1998 में ब्रॉड गेज लाइन पर ट्रेनें चलनी शुरू हुईं।
- विद्युतीकरण:
- 2014 के बाद इस मार्ग पर विद्युतीकरण का काम शुरू हुआ।
- 2019 से विद्युत इंजनों का संचालन शुरू हुआ।
रूट पर प्रमुख ट्रेनों का संचालन
यह मार्ग कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का गंतव्य है:
- दिल्ली और मुंबई के लिए ट्रेनों का संचालन:
- गोरखपुर से दिल्ली जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस।
- मुंबई के लिए हर दिन चलने वाली पनवले एक्सप्रेस।
- रूट का डायवर्जन:
- गोरखपुर-बस्ती रूट पर ब्लॉक होने की स्थिति में ट्रेनें बढ़नी रूट पर डायवर्ट की जाती हैं।
दोहरीकरण से होंगे ये फायदे
- यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी:
- एकल लाइन के कारण फिलहाल नए ट्रेन संचालन में बाधा आती है।
- दोहरीकरण के बाद यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
- ट्रेनों की समयबद्धता:
- डबल लाइन से ट्रेनों की लेट-लतीफी में कमी आएगी।
- मालगाड़ियों का संचालन:
- उद्योगों को बेहतर माल परिवहन सुविधाएं मिलेंगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।