मध्य रेलवे के खंडवा रेलवे स्टेशन पर रविवार को एक डबल : डेकर ट्रेन बड़े हादसे से बाल-बाल बच गई। दरअसल, डबल डेकर ट्रेन अपना रास्ता भटक गई थी और गलत ट्रैक पर चल रही थी। आश्चर्य की बात यह थी कि कुल 147 किलोमीटर की दूरी तक गलत ट्रैक पर दौड़ रही ट्रेन को 18 स्टेशनों पर तैनात रेलवे कर्मचारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मध्य रेलवे के खंडवा स्टेशन से रवाना हुई एक डबल डेकर मालगाड़ी रविवार को गलत रास्ते पर चली गई और कुल 147 किलोमीटर तक गलत ट्रैक पर चलने के बाद खंडवा यार्ड पहुंच गई। इस दौरान मालगाड़ी 18 स्टेशनों से गुजरी, लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि यह गलत ट्रैक पर चल रही है और इसे रवाना भी कर दिया गया।
भुसावल स्टेशन से गलत ट्रैक पर चलकर खंडवा यार्ड पहुंची ट्रेन
प्राप्त जानकारी के अनुसार खंडवा रेलवे स्टेशन से रवाना हुई डबल डेकर मालगाड़ी कुछ दूरी तय करने के बाद रास्ता भटक गई। सौभाग्य से ट्रैक पर बड़ा हादसा टल गया, अन्यथा कोई अनहोनी हो सकती थी। यह डबल डेकर मालगाड़ी भुसावल स्टेशन से गलत ट्रैक पर चलकर 147 किलोमीटर दूर खंडवा यार्ड में पहुंच गई।
इस पूरे मामले में रेलवे कर्मचारियों की घोर लापरवाही उजागर हुई।
गौरतलब है कि रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ियों के लिए अलग से ट्रैक बना हुआ है। फिर भी इस मालगाड़ी को 18 रेलवे स्टेशनों से रवाना किया गया। लेकिन खंडवा यार्ड में पहुंचते ही डबल डेकर मालगाड़ी वहां लगे ओएचई से टकरा गई, जिसके बाद ओएचई की बिजली आपूर्ति बंद हो गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
खंडवा रेलवे स्टेशन से खंडवा यार्ड तक कुल 147 किलोमीटर तक गलत ट्रैक पर दौड़ती डबल डेकर ट्रेन कुल 18 स्टेशनों से गुजरी और उसे हरी झंडी भी दे दी गई। रेलवे इस घोर लापरवाही की जांच कर रहा है। बड़ी बात तो यह है कि कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
मालगाड़ी में 264 एसयूवी कारें थीं।
264 एसयूवी को एक डबल डेकर में रखकर 147 किलोमीटर तक गलत ट्रैक पर दौड़ाया गया। यदि मालगाड़ी किसी अन्य रेलगाड़ी से टकरा जाती तो यह एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी, जिससे मालगाड़ी और रेलवे दोनों को भारी नुकसान हो सकता था। रेलवे ने ओएचई की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की और गलत ट्रैक पर आई मालगाड़ी को भुसावल की ओर मोड़ दिया।