नए साल के आगमन से ठीक पहले, इजरायल को दोहरे झटके लगे हैं। यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर हमला शुरू कर दिया है, जिससे इजरायल अब तीन मोर्चों पर लड़ाई में उलझ गया है। पहले से ही हमास और हिजबुल्लाह के साथ इजरायल की जंग जारी है। दूसरी ओर, गाजा में सीजफायर को लेकर इजरायल और हमास के बीच बातचीत में भी रोड़े आ गए हैं।
हूती विद्रोहियों का हमला
इजरायली सेना ने सोमवार रात बताया कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने यमन से इजरायल पर दागे गए एक बैलिस्टिक मिसाइल को सफलतापूर्वक रोक दिया। हमलों के कारण पूरे मध्य इजरायल में सायरन बजने लगे। यह घटना दो सप्ताह में हुई सातवीं हमले की है। सेना के अनुसार, मिसाइल को इजरायली हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही नष्ट कर दिया गया, हालांकि मलबा गिरने से चिंताएँ उत्पन्न हुईं।
नेतन्याहू की चेतावनी
‘द टाइम्स ऑफ़ इज़रायल’ की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हम अभी उनके साथ शुरुआत कर रहे हैं। हम उन्हें इजरायल पर हमले की अनुमति नहीं देंगे। जब तक वे सीख नहीं लेते, तब तक हम उन पर अंतिम प्रहार करेंगे।” नेतन्याहू ने आश्वासन दिया कि हमास, हिजबुल्लाह, और सीरिया के बाद अब हूती भी सीखेंगे।
हमास का सीजफायर से मुकरना
इस बीच, हमास ने इजरायल के साथ सीजफायर वार्ता के दौरान बंधकों की रिहाई से मुकरने की सूचना दी है। इजरायल का कहना है कि युद्ध विराम समझौते के पहले चरण के तहत हमास को 34 कैदियों को रिहा करना था, लेकिन हमास ने केवल 22 कैदियों को रिहा करने की पेशकश की है। इजरायल ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है और सभी 34 कैदियों की रिहाई की मांग की है।
संभावित समझौते की स्थिति
मिस्र के अल-घाद मीडिया आउटलेट ने खबर दी है कि इजरायल ने हमास से उन 11 लोगों को रिहा करने का अनुरोध किया है जिन्हें इजरायल, इजरायली सैनिक मानता है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच, इजरायल की स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है, खासकर नेतन्याहू की स्वास्थ्य स्थिति के मद्देनजर, जो हाल ही में प्रोस्टेट सर्जरी के बाद अस्पताल में भर्ती हैं।