डोनाल्ड ट्रंप का पनामा नहर पर बड़ा बयान: चीन के प्रभाव पर जताई चिंता

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने नहर पर चीन के बढ़ते प्रभाव और नियंत्रण को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि जल्द ही कुछ बेहद महत्वपूर्ण और शक्तिशाली होने वाला है। ट्रंप ने स्पष्ट किया, “अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाला यह रणनीतिक जलमार्ग चीन को नहीं सौंपा गया था। समझौते का उल्लंघन हुआ है।”

ट्रंप ने पहले भी पनामा नहर को आधुनिक दुनिया का एक चमत्कार बताया था, जिसे अमेरिका ने बनवाया था। वे पहले भी इस नहर पर अमेरिका का नियंत्रण वापस लेने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि इसके लिए सैन्य बल की आवश्यकता होगी, लेकिन पनामा ने समझौते का उल्लंघन किया है, और अब अमेरिका इस पर दोबारा कब्जा करेगा।

अपने ताजा बयान में ट्रंप ने कहा, “चीन वर्तमान में पनामा नहर को नियंत्रित कर रहा है, लेकिन इसे बीजिंग को देने का इरादा कभी नहीं था। यह समझौते का उल्लंघन है, और हम इसे वापस लेंगे या फिर जल्द ही कुछ बेहद शक्तिशाली घटित होगा।”

महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटनाक्रम

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो जल्द ही पनामा के राष्ट्रपति जोस रउल मुलिनो से मुलाकात करने वाले हैं। यह उनकी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा होगी। इस मुलाकात के बाद रुबियो नहर और एक ऊर्जा संयंत्र का दौरा करेंगे।

पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने स्पष्ट किया है कि नहर के स्वामित्व को लेकर अमेरिका के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि रुबियो की यात्रा प्रवास और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे साझा हितों पर केंद्रित रहेगी। हालांकि, पनामा में कुछ समूहों ने ट्रंप की इस योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है।

पनामा नहर: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और अमेरिका का दावा

अमेरिका ने पनामा नहर का निर्माण किया था और इसे वर्ष 1999 में पनामा को सौंप दिया गया था। हालांकि, अब अमेरिका फिर से इस पर नियंत्रण पाना चाहता है ताकि क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके।

विश्लेषकों का मानना है कि पनामा शायद एक नए समझौते के लिए तैयार हो सकता है, जिसके तहत नहर के संचालन को हांगकांग स्थित हचीसन पोर्ट्स कंपनी से वापस लिया जा सकता है। हालांकि, पनामावासी ट्रंप की इस मांग का कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मान रहे हैं।

अमेरिका और पनामा के बीच इस मुद्दे पर तनातनी जारी है, और आने वाले दिनों में इस पर और राजनीतिक व कूटनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।