Donald Trump's big claim: भारत के साथ ट्रेड डील जल्द, अमेरिका को होगा इससे फायदा
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर दुनिया भर की नज़र है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संभावित समझौते को लेकर अहम संकेत दिए हैं। ट्रंप के मुताबिक, भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है और जल्द ही इस पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह समझौता अमेरिका के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।
ट्रम्प का बयान और अमेरिका का दृष्टिकोण
बुधवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, भारत मूलतः इसी दिशा में काम कर रहा है। हमें भारत तक पहुँच मिलेगी। आपको समझना होगा कि इनमें से किसी भी देश तक हमारी पहुँच नहीं थी। हमारे लोग वहाँ नहीं जा सकते थे और अब हमें वहाँ पहुँच मिल रही है। टैरिफ के ज़रिए हम यही कर रहे हैं।
ट्रंप ने सुझाव दिया कि भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौता इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते जैसा ही हो सकता है। गौरतलब है कि इंडोनेशिया अमेरिकी उत्पादों को अपने बाज़ार में पूरी पहुँच देने पर सहमत हो गया है। बदले में, अमेरिका इंडोनेशियाई वस्तुओं पर 19% टैरिफ लगाने पर सहमत हो गया है। इसके अलावा, इंडोनेशिया ने अमेरिका से 15 अरब डॉलर की ऊर्जा, 4.5 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद और 50 बोइंग जेट खरीदने की भी प्रतिबद्धता जताई है। ट्रंप के अनुसार, इस समझौते से अमेरिका को भारतीय बाज़ार में बेहतर पहुँच मिलेगी।
भारत के लिए संभावित चुनौतियाँ
हालाँकि, इस संभावित सौदे को लेकर भारत में भी चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं। ट्रंप के बयान पर टिप्पणी करते हुए, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अगर भारत इस तरह के असंतुलित समझौते को स्वीकार करता है, तो उसके घरेलू क्षेत्र, खासकर डेयरी और कृषि, शुल्क-मुक्त अमेरिकी वस्तुओं के संपर्क में आ सकते हैं। बदले में, भारत को बहुत कम लाभ होगा। श्रीवास्तव ने चेतावनी दी कि, “भारत के साथ पारस्परिक लाभ के बिना एक बुरा समझौता, किसी भी समझौते के न होने से भी बदतर हो सकता है। इसलिए, भारत को पारदर्शी तरीके से बातचीत करनी चाहिए, एकतरफा नतीजों से बचना चाहिए और दीर्घकालिक आर्थिक हितों से समझौता करने वाले त्वरित, प्रतीकात्मक समझौतों के दबाव में नहीं आना चाहिए।”
पाँचवें दौर की वार्ता शुरू
इन सबके बीच, भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर पाँचवें दौर की वार्ता के लिए इस समय अमेरिका में है। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की इस टीम का अमेरिका दौरा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों पक्ष कृषि जैसे क्षेत्रों में समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं। यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर अतिरिक्त शुल्क 1 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है। उम्मीद है कि इस वार्ता में दोनों देशों के लिए एक पारस्परिक रूप से लाभकारी रास्ता निकल सकता है।
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