डोनाल्ड ट्रम्प: अमेरिका की व्यापार नीति में बड़ा बदलाव

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने आक्रामक व्यापार नीतियों के लिए जाने जाते हैं। सत्ता में आने के बाद उन्होंने कई देशों के खिलाफ आर्थिक नीतियों में बड़े बदलाव किए। खासकर मैक्सिको, कनाडा और चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए गए। उन्होंने मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ और चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। लेकिन उनका यह कदम यहीं नहीं रुका—अब उन्होंने यूरोपीय संघ (EU) पर भी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है।

यूरोपीय संघ पर टैरिफ लगाने की तैयारी

डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को एक बयान में कहा कि अमेरिका को लंबे समय से यूरोपीय संघ से व्यापार घाटा उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि यूरोपीय देशों ने वर्षों तक अमेरिका का फायदा उठाया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

ट्रम्प ने कहा, “हम यूरोपीय संघ पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने हमें नुकसान पहुंचाया है। मैं तारीख नहीं बता सकता, लेकिन यह जल्द ही होगा।”

ट्रम्प के अनुसार, अमेरिका का 27 देशों के साथ व्यापार घाटा है और इस असंतुलन को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

अमेरिका की आक्रामक व्यापार नीति और इसके प्रभाव

ट्रम्प प्रशासन का यह निर्णय वैश्विक व्यापार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। अमेरिका की इस नीति के कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. महंगाई बढ़ेगी: विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में टैरिफ बढ़ने से आयातित वस्तुएं महंगी होंगी, जिससे आम उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा।
  2. अमेरिकी कंपनियों पर प्रभाव: अमेरिका में कई कंपनियां ऐसी हैं जो कच्चे माल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं। टैरिफ बढ़ने से उनकी उत्पादन लागत भी बढ़ेगी।
  3. अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर: जब अमेरिका किसी देश पर टैरिफ लगाता है, तो बदले में वह देश भी अमेरिका के खिलाफ शुल्क बढ़ा सकता है, जिससे व्यापार युद्ध की स्थिति बन सकती है।

यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया

यूरोपीय संघ (EU) ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। यूरोपीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका उनके खिलाफ व्यापारिक प्रतिबंध लगाता है, तो वे भी जवाबी कदम उठाएंगे।

EU के प्रवक्ता ने कहा, “अगर अमेरिका हम पर टैरिफ लगाता है, तो हम भी उसी के अनुसार निर्णय लेंगे और अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेंगे।”

सैन्य सहायता और रक्षा बजट का मुद्दा

ट्रम्प ने यूरोपीय देशों की सुरक्षा को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया। उनका कहना है कि जब तक यूरोप की रक्षा अमेरिका के भरोसे रहेगी, तब तक उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए और अधिक हथियार खरीदने होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि यूरोपीय देशों को अपना रक्षा बजट बढ़ाना चाहिए और अमेरिका पर निर्भरता कम करनी चाहिए।

क्या होगा आगे?

ट्रम्प की नीतियां अमेरिका के लिए फायदे और नुकसान दोनों ला सकती हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यूरोपीय संघ और अन्य प्रभावित देश इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। यदि यह व्यापार युद्ध लंबा खिंचता है, तो इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।