लखनऊ के डॉग लवर्स सावधान ,सुबह 6:30 बजे ही आपकी गली में आ सकती है ये टीम

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News India Live, Digital Desk: अगर आप लखनऊ में रहते हैं और आपके घर में भी एक प्यारा सा दोस्त यानी पालतू कुत्ता है, तो ये खबर सीधे तौर पर आपसे जुड़ी है। लखनऊ नगर निगम ने पालतू कुत्तों का लाइसेंस जांचने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। नगर निगम की टीमें आजकल सुबह-सुबह शहर के अलग-अलग इलाकों में घूम रही हैं, खासकर पार्कों और पॉश कॉलोनियों में, जहां लोग अपने कुत्तों को टहलाने के लिए निकलते हैं।

सुबह 6:30 बजे ही शुरू हो जाती है चेकिंग

नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर पशु कल्याण विभाग और डॉग कैचिंग स्क्वॉड की मिली-जुली टीम सुबह 6:30 बजे ही काम पर लग जाती है। गुरुवार को जब टीम ने जोन-8 के बंगला बाजार चौराहा, शारदा खंड और रुचि खंड जैसे इलाकों में चेकिंग शुरू की, तो बिना लाइसेंस वले मालिकों में हड़कंप मच गया। कई लोग तो टीम को देखते ही रास्ता बदलने लगे और कुछ तो भागने की कोशिश करते भी दिखे।

क्यों है लाइसेंस इतना जरूरी?

नगर निगम के मुताबिक, लखनऊ में करीब 10,000 पालतू कुत्ते हैं, लेकिन इनमें से कई का रजिस्ट्रेशन यानी लाइसेंस नहीं बना है। बिना लाइसेंस के कुत्ता पालना नियमों के खिलाफ है। लाइसेंस इस बात को पक्का करता है कि आपके कुत्ते को रेबीज जैसे जरूरी टीके लगे हैं, जिससे वह और समाज दोनों सुरक्षित रहें। यह कदम शहर की सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

हजारों का लग रहा जुर्माना, एक कुत्ता जब्त भी हुआ

इस अभियान के दौरान नगर निगम कोई नरमी नहीं बरत रहा है। गुरुवार को चले अभियान में, बिना लाइसेंस के कुत्ता घुमा रहे 4 लोगों से कुल 20,000 रुपये का जुर्माना वसूला गया। इतना ही नहीं, मौके पर ही कुछ लोगो के लाइसेंस भी बनाए गए, जिससे निगम के खजाने में कुल 24,000 रुपये जमा हुए। एक रॉटवीलर नस्ल के कुत्ते को तो टीम ने अस्थायी रूप से जब्त भी कर लिया, जिसे बाद में मालिक द्वारा जुर्माना भरने के बाद छोड़ा गया।

सुबह 6:30 बजे ही शुरू हो जाती है चेकिंग

नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर पशु कल्याण विभाग और डॉग कैचिंग स्क्वॉड की मिली-जुली टीम सुबह 6:30 बजे ही काम पर लग जाती है। गुरुवार को जब टीम ने जोन-8 के बंगला बाजार चौराहा, शारदा खंड और रुचि खंड जैसे इलाकों में चेकिंग शुरू की, तो बिना लाइसेंस वाले मालिकों में हड़कंप मच गया। कई लोग तो टीम को देखते ही रास्ता बदलने लगे और कुछ तो भागने की कोशिश करते भी दिखे।

क्यों है लाइसेंस इतना जरूरी?

नगर निगम के मुताबिक, लखनऊ में करीब 10,000 पालतू कुत्ते हैं, लेकिन इनमें से कई का रजिस्ट्रेशन यानी लाइसेंस नहीं बना है। बिना लाइसेंस के कुत्ता पालना नियमों के खिलाफ है। लाइसेंस इस बात को पक्का करता है कि आपके कुत्ते को रेबीज जैसे जरूरी टीके लगे हैं, जिससे वह और समाज दोनों सुरक्षित रहें। यह कदम शहर की सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

हजारों का लग रहा जुर्माना, एक कुत्ता जब्त भी हुआ

इस अभियान के दौरान नगर निगम कोई नरमी नहीं बरत रहा है। गुरुवार को चले अभियान में, बिना लाइसेंस के कुत्ता घुमा रहे 4 लोगों से कुल 20,000 रुपये का जुर्माना वसूला गया। इतना ही नहीं, मौके पर ही कुछ लोगों के लाइसेंस भी बनाए गए, जिससे निगम के खजाने में कुल 24,000 रुपये जमा हुए। एक रॉटवीलर नस्ल के कुत्ते को तो टीम ने अस्थायी रूप से जब्त भी कर लिया, जिसे बाद में मालिक द्वारा जुर्माना भरने के बाद छोड़ा गया।

कैसे बचें इस जुर्माने से? लाइसेंस बनवाना है बहुत आसान

पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने सभी पालतू कुत्तों के मालिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि अपनी जिम्मेदारी निभाएं। आप बहुत आसानी से लाइसेंस बनवा सकते हैं:

  • ऑफलाइन तरीका: अगर आपको ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत आती है, तो आप लालबाग में स्थित पशु कल्याण अधिकारी के ऑफिस जाकर भी लाइसेंस बनवा सकते हैं।

तो देर किस बात की? अगर आपने अब तक अपने प्यारे दोस्त का लाइसेंस नहीं बनवाया है, तो फौरन यह काम कर लें और एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें, साथ ही हजारों के जुर्माने से भी बचें।

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