शराब पीने और परोसने को लेकर कई भ्रांतियां हैं। ‘ऐसा करना चाहिए’, ‘ऐसा नहीं करना चाहिए’ जैसे निर्देश सामने वाले से पूछे बिना ही दे दिए जाते हैं लेकिन ज्यादातर लोग असल सच्चाई नहीं जानते। ऐसी ही एक ग़लतफ़हमी भारतीय शराब प्रेमियों के बीच वर्षों से प्रचलित है।
रम के शौकीन अक्सर यह सलाह देते नजर आते हैं कि गर्मियों में रम नहीं पीना चाहिए। जो लोग मानते हैं कि रम का सेवन केवल सर्दी के मौसम में ही करना चाहिए क्योंकि यह शरीर को गर्माहट देती है। तो क्या गर्मियों में इसे पीना हानिकारक है?
विशेषज्ञों का मानना है कि रम सर्दियों में विशेष राहत देती है लेकिन गर्मियों में इसे पीने से कोई नुकसान नहीं होता है। इतना ही नहीं दुनिया भर के लोग हर मौसम में इसका आनंद लेते हैं। तो, सच क्या है? सालों से लोग सर्दियों में इसे पीने से क्यों बचते रहे हैं? आइए हम आपको बताते हैं.
रम मुख्यतः दो प्रकार की होती है। एक है व्हाइट रम और दूसरी है डार्क रम. सफेद रम के साथ गुड़ को अलग से नहीं मिलाया जाता है। इसलिए इसका रंग पारदर्शी होता है और इसका उपयोग कई प्रकार के प्रसिद्ध कॉकटेल बनाने में किया जाता है, जिनकी मांग साल भर रहती है।
विशेषज्ञों के अनुसार रम पूरी दुनिया में बहुत मशहूर पेय है। इसका उपयोग अत्यधिक गर्म जलवायु वाले देशों जैसे वेस्ट इंडीज, क्यूबा, जमैका, भारत और कई एशियाई देशों में पूरे वर्ष किया जाता है।
विशेषज्ञ के अनुसार, समय के साथ आयुर्वेदिक पद्धति के कुछ स्वयंभू विशेषज्ञों ने रम को गर्म बताकर गर्मियों में रम पीने से इनकार कर दिया। हालाँकि, ऐसा करने से कोई नुकसान नहीं है।