सिरोही, 25 मई (हि.स.)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के ज्ञान सरोवर परिसर चल रहे राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का आयोजन दो सत्रों में किया जा रहा है। मीडिया विंग द्वारा आयोजित सम्मेलन के दूसरे दिन मूल्यनिष्ठ समाज के लिए दृष्टि और उद्देश्य विषय पर सेशन आयोजित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता बीके शिवानी दीदी ने काम के दबाव को आनंद के साथ प्रबंधित करें विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आज से सभी संकल्प करें कि हम खुशी के लिए नहीं खुशी के साथ अपना काम करेंगे। खुशी हमारे जीवन का गहना है, आत्मा की खुराक है। अपनी खुशी को अमानत की तरह संभाल कर रखें। ब्रह्माकुमारीज़ में सभी भाई-बहन सेवा खुशी के साथ करते हैं क्योंकि वह ब्रह्ममुहूर्त में परमात्मा से एनर्जी लेकर फिर कर्म में आते हैं तो दिनभर परमात्मा की एनर्जी मिलती रहती है जो खुशी प्रदान करती है। हमें हर परिस्थिति में खुशी और आनंद के साथ जीवन जीने के तरीके ढूंढ़ने होंगे। यहां से जाकर सबसे पहले सेवाकेंद्र पर सात दिन का राजयोग मेडिटेशन का कोर्स जरूर करें। इससे जीवन में नई दिशा मिलेगी। सुबह उठते ही और रात में सोते समय दस मिनट परमात्मा को याद जरूर करें। मन को डिसीप्लेन करना है। ज्ञान और योग मन का भोजन है, इसे रोज देना है।
इसमें चेन्नई से आए अन्ना यूनिवर्सिटी के मीडिया साइंस डिपार्टमेंट के हेड प्रो. डॉ. एस. अरुलचेलवन ने कहा कि जब तक हम सही उद्देश्य के साथ काम नहीं करेंगे तो मूल्यनिष्ठ समाज की स्थापना नहीं हो सकती है। महान लक्ष्य के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। इसमें मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। इंदौर से आए भारत एक्सप्रेस चैन मप्र-छग के हेड प्रवीण खारीवाल ने कहा कि नई पीढ़ी के लोग पूरी तरह से समाज से कट चुके हैं। हम जिनकी चिंता कर रहे हैं उन्हें इन बातों से कोई सरोकार नहीं है। उनका अपना एक वर्ग है, वह वर्चुअल दुनिया में खोई हुई है। वह न पुराने लोगों को जानना चाहते हैं न ही उन्हें इन बातों से कोई सरोकार है।
मुंबई से आए रेडियो जॉकी और एक्टर दिलीप जैन ने कहा कि हमारे अंदर नेगेटिविटी भरी हुई है यही कारण है कि हम मीडिया के माध्यम से ज्यादा नेगेटिव चीजों को समाज में परोसते हैं। मीडियाकर्मी के नाते रोज हमें कुछ न कुछ सकारात्मक कार्य, स्टोरी, खबर जरूर करना चाहिए। मैं पिछले चार साल से अपने रेडियो स्टेशन में लव यू जिंदगी शो कर रहा हूं और यह शो मुंबई का सबसे फेमस शो है। इस शो के माध्यम से मेरा प्रयास होता है कि मैं समाज में सकारात्मक चीजों को दे सकूं। वर्धा महाराष्ट्र से आए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रकाशन बहुवचन के सहायक संपादक डॉ. अमित विश्वास ने कहा कि पत्रकारिता का आशय पवित्र भाव से है। लेकिन आज पत्रकारिता का आशय बदल गया है। पत्रकारिता में नैतिकता का होना बहुत जरूरी है।
मुंबई के इंटरनेशनल प्रेस रिप्रजेंटेटिव काउंसिल की कम्यूनिकेशन डायरेक्टर डॉ. सुजाता सिंघई ने कहा कि हमारा लिखा एक-एक शब्द ऐसा लिखा हो कि उसे पढ़कर पाठक के मन में ऊर्जा आए, उसके मन में कुछ करने का भाव जागृत हो।
महाराष्ट्र बुढ़ाना खामगांव के देशोंमुखी समाचार पत्र के संपादक राजेश राजोरे ने कहा कि हम सामाजिक मूल्यों के आधार पर ही हम किसी चीज को अच्छा या बुरा कहते हैं। न्याय, ईमानदारी और सत्य नैतिक मूल्यों के अंतर्गत आते हैं। मूल्यों के बिना जीवन अधूरा है। आध्यात्मिक मूल्यों से परिवर्तन संभव है। यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली की अस्सिटेंट प्रो. गरिमा दत्त ने कहा कि विषम परिस्थितियों में ही जीवन मूल्यों का पता चलता है। ज्ञान सरोवर की निदेशिका बीके प्रभा दीदी ने कहा कि जीवन में जितने मूल्य होते हैं, उतना ही जीवन मूल्यवान बन जाता है। हम सभी चाहते हैं कि समाज मूल्यवान बने लेकिन समाज भी एक-एक व्यक्ति को बनाकर बनता है। हर एक व्यक्ति अपने अंदर मूल्य धारण कर ले तो समाज मूल्यवान और श्रेष्ठ बन जाएगा। वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका डॉ. सविता बहिन ने कहा कि परिवर्तन की शुरुआत किसी एक व्यक्ति द्वारा ही होती है। इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थापना स्वयं निराकार परमात्मा ने वर्ष 1937 में की। आध्यात्म की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति है। अध्यात्म से ही जीवन में मूल्यों का समावेश संभव है।
अहमदाबाद की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म की उपसंचालक इला गोयल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। दिल्ली की मीडिया विंग की जोनल कोर्डिनेटर बीके सुनीता दीदी ने सभी को गहन राजयोग की अनुभूति कराई। संचालन एजुकेशन विंग की नेशनल कोर्डिनेटर बीके सुमन बहन ने किया।