30 की उम्र के बाद हड्डियों की सेहत में गिरावट आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। आमतौर पर इस उम्र के बाद ही लोगों में हड्डियों से जुड़ी बीमारियों और फ्रैक्चर की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में कैल्शियम एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसका शरीर में सही मात्रा में होना बेहद जरूरी है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है।
वैसे तो इसकी पूर्ति खाद्य पदार्थों यानी प्राकृतिक तरीके से की जा सकती है, लेकिन कुछ लोग इसके लिए सप्लीमेंट भी लेते हैं। अगर आप भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो जान लें कि यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है।
कैल्शियम सप्लीमेंट से दिल का दौरा
मेयो क्लिनिक के अनुसार, कुछ अध्ययनों में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि कैल्शियम सप्लीमेंट्स से दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, ये सप्लीमेंट्स दिल की धमनियों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ता है।
इन लोगों को सबसे अधिक खतरा
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी होने का खतरा अधिक होता है, जो हड्डियों के कमजोर होने से जुड़ी बीमारी है। ऐसे में कैल्शियम सप्लीमेंट्स का सेवन भी महिलाओं में अधिक होता है, और इसके साइड इफेक्ट का खतरा भी अधिक होता है। खासकर रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं को अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
कैल्शियम सप्लीमेंट कितना लेना चाहिए
न्यूयॉर्क राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एक बार में 600 मिलीग्राम या उससे कम कैल्शियम का सेवन करना सर्वोत्तम है।
इसे ध्यान में रखो
कैल्शियम सप्लीमेंट हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं, लेकिन कभी भी किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना इसका सेवन न करें। वह आपके लिए सप्लीमेंट की मात्रा बेहतर तरीके से निर्धारित कर सकता है।