क्या आप जानते हैं कि अगर आहार में फाइबर की कमी हो तो क्या होता है, पेट की समस्याओं के बारे में जानें
हाल के दिनों में फास्ट फूड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बढ़ते चलन के कारण हमारे आहार में फाइबर की कमी हो गई है, जिसके बारे में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे आंत के स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं।
एम्स, दिल्ली के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ. दीपक गुंजन ने बताया कि फाइबर की कमी से आंतें कमजोर हो जाती हैं और पाचन तंत्र से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फाइबर की कमी के लक्षण:
- कब्ज: सप्ताह में 3 बार से कम शौच या कठोर मल।
- पेट में भारीपन महसूस होना: पाचन संबंधी समस्याओं के कारण पेट फूलना और गैस की समस्या होना।
- बार-बार भूख लगना: फाइबर की कमी से लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास नहीं होता।
- वजन बढ़ना: कम फाइबर वाला आहार अधिक खाने और वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
- रक्त शर्करा अस्थिरता: फाइबर की कमी से मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि: घुलनशील फाइबर में कमी से खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को हटाना मुश्किल हो सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
शरीर के लिए फाइबर के फायदे: फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, पेट साफ़ करता है और आंतों को स्वस्थ रखता है। यह रक्त शर्करा को स्थिर रखता है, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और वज़न को नियंत्रित रखता है। विशेषज्ञों के अनुसार, रोज़ाना 25-30 ग्राम फाइबर का सेवन ज़रूरी है। फाइबर प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ:
- फल: सेब, नाशपाती, पपीता, संतरे।
- सब्जियाँ: गाजर, सेम, पालक, मटर।
- अनाज: जई, भूरा चावल, जौ।
- फलियां: राजमा, छोले, चना।
- बीज: चिया बीज, अलसी के बीज, बादाम।
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