गुजरात में देवी-देवताओं के कई प्राचीन और शक्तिशाली मंदिर हैं, जहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रि के दौरान देवी मां के मंदिरों की विशेष महिमा होती है। अगर आप भी गुजरात के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में जाना चाहते हैं, तो इन 5 शक्तिपीठों की यात्रा जरूर करें।
1) अंबाजी मंदिर (बनासकांठा)
गुजरात के बनासकांठा जिले के अंबाजी कस्बे में स्थित यह मंदिर देवी अम्बे का शक्तिपीठ माना जाता है। यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं, बल्कि एक श्री यंत्र स्थापित है, जिस पर “श्री” शब्द अंकित है।
2) नर्मदा माता मंदिर (भरूच)
भरूच के डांडिया बाजार में स्थित यह 150 साल पुराना मंदिर देवी नर्मदा को समर्पित है। मान्यता है कि मां नर्मदा अपने भक्तों के सपने पूरे करती हैं, इसलिए उन्हें “स्वप्न पूर्ति की देवी” भी कहा जाता है।
3) रुक्मिणी देवी मंदिर (द्वारका)
द्वारकाधीश मंदिर से सिर्फ 2 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी देवी को समर्पित है। यहां उन्हें महालक्ष्मी का रूप माना जाता है। मंदिर का निर्माण पानी के कुंड पर किया गया है, जिससे इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है।
4) आशापुरा देवी मंदिर (भुज)
गुजरात के भुज शहर से 138 किमी दूर माता नो माध में स्थित यह मंदिर देवी आशापुरा को समर्पित है। कई समुदाय माता आशापुरा को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशाल मेला लगता है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
5) कालिका माता मंदिर (पावागढ़)
पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित कालिका माता मंदिर देवी काली को समर्पित है, जो शक्ति का एक रूप मानी जाती हैं। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है।