हिंदू धर्म में पूर्वजों का विशेष स्थान है। शास्त्रों में कहा गया है कि अगर पितर नाराज हो जाएं तो जीवन में हमेशा कोई न कोई परेशानी बनी रहती है। माता-पिता के नाराज होने पर भी पितृदोष हो सकता है। पितृ दोष को सभी दोषों में सबसे घातक माना जाता है। अगर पितर नाराज भी हो जाएं तो इससे पारिवारिक परेशानियां बढ़ती हैं और घर की बरकत रुक जाती है। परिवार का कोई भी सदस्य उन्नति नहीं कर पाता। यही कारण है कि ज्योतिष शास्त्र में पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। ज्योतिषी राधाकांत वत्स ने पितरों को प्रसन्न करने वाली तीन ही चीजों का जिक्र किया है।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिपला वृक्ष पर जल चढ़ाएं
पितरों को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन पिपला वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इससे ना सिर्फ कुंडली से पुरुष दोष दूर होता है बल्कि घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा भी दूर हो जाती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिशा में रखें जल
पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए घर की दक्षिण दिशा में तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें काले तिल मिलाएं। उस पानी को हर शनिवार को बदलें। पीपल के पेड़ पर पुराना जल चढ़ा सकते हैं।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पिंड दान करें।
हिंदू धर्म में पितरों की आत्माओं को प्रसन्न करने और उन्हें मुक्ति दिलाने के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्म को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में किसी भी अमावस्या या विशेषकर शुक्ल पक्ष में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करें।