इन 5 लोगों को भूलकर भी न करें लौंग का ज्यादा इस्तेमाल, जानें इसके साइड इफेक्ट्स

भारतीय व्यंजनों में लौंग का उपयोग भोजन में सुगंध और स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है। लौंग में मौजूद विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ई, कैल्शियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व न केवल मौखिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में मदद करते हैं बल्कि पाचन तंत्र को भी अच्छा बनाए रखने में मदद करते हैं। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को गर्मियों में लौंग का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इसका अधिक सेवन उनकी सेहत को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानें कैसे.

लौंग के अधिक सेवन के नुकसान-

निम्न रक्त शर्करा –
लौंग का अधिक सेवन रक्त शर्करा के स्तर को काफी कम कर सकता है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं और मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही दवाएँ ले रहे हैं, तो लौंग का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

इन 5 लोगों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए लौंग का अधिक सेवन, ये होते हैं साइड इफेक्ट्स

बढ़ सकती है शरीर की गर्मी –
लौंग की तासीर गर्म होती है। ऐसे में गर्मी के मौसम में अधिक मात्रा में लौंग का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अधिक सेवन से शरीर का तापमान बढ़ सकता है. बहुत अधिक लौंग का सेवन करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं, जिससे आपको पेट की समस्याएं, अपच, दस्त या सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

लिवर या किडनी की समस्या-
लौंग का अधिक सेवन किडनी और लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है. अगर आप पहले से ही लिवर या किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं तो अधिक मात्रा में लौंग का सेवन करने से बचें। लौंग अपनी गर्म तासीर के कारण लीवर, किडनी और पेट की समस्याओं का खतरा बढ़ा सकती है।

 

खून पतला होने की समस्या-
लौंग के अधिक सेवन से खून पतला होने लगता है और व्यक्ति को खून पतला होने की समस्या हो सकती है. दरअसल, लौंग प्राकृतिक रूप से खून को पतला करने का काम करती है लेकिन अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो चोट लगने पर आपका खून जल्दी नहीं रुकेगा। इतना ही नहीं, जब खून बहुत ज्यादा पतला हो जाता है तो इससे कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान नुकसान-
गर्भावस्था के दौरान लौंग का अधिक सेवन करने से शुरुआती दिनों में रक्तस्राव हो सकता है। साथ ही इसका असर स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध के जरिए बच्चे तक पहुंच सकता है, जिससे बच्चे में एलर्जी और कई अन्य समस्याएं होने का खतरा रहता है।