चैत्र मास में भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज!

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीना साल का आखिरी महीना होता है और इसके बाद चैत्र महीना शुरू होता है। चैत्र मास 27 मार्च को शुरू हुआ और 23 अप्रैल को समाप्त होगा। शास्त्रों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसी माह में सृष्टि का आरंभ किया था। चैत्र माह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है क्योंकि इस अवधि के दौरान कई प्रमुख त्योहार जैसे नवरात्रि, राम नवमी, पापमोचिनी एकादशी, हनुमान जयंती आदि भी आते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र माह में कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए। अगर आप ये काम करते हैं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं चैत्र माह में कौन से काम करने से बचना चाहिए।

चैत्र माह में क्या न करें:

तामसिक और मांसाहारी भोजन: चैत्र माह के दौरान तामसिक या मांसाहारी भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए। कहा जाता है कि चैत्र के दौरान ऐसा भोजन करने से देवी लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं, जिससे आर्थिक परेशानियां आने लगती हैं।

गुड़ का सेवन: इसके अलावा इस महीने गुड़ के सेवन से भी बचना चाहिए। गुड़ की प्रकृति गर्म होती है और गर्मी के दिनों में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

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बाल और नाखून काटना: चैत्र माह में बाल काटना वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में बाल काटने से घर की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है और घरेलू परेशानियां पैदा हो सकती हैं। इसी तरह कोशिश करें कि इस महीने में अपने नाखून न काटें। यदि नाखून काटना जरूरी हो तो गुरुवार के दिन और रात के समय ही काटना चाहिए।

झगड़े से बचना चाहिए: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र माह के दौरान घर में झगड़े से बचना चाहिए। पति-पत्नी को किसी भी बहस या विवाद से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घर की महिला देवी लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए इस महीने के दौरान कोई भी बहस उसे नाराज कर सकती है। इसलिए इस महीने में अनजाने में भी किसी भी तरह के विवाद या लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए।

नए कार्यों की शुरुआत : वेद और पुराणों के अनुसार चैत्र मास का पहला दिन बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन कोई भी नया काम शुरू करना शुभ माना जाता है।