केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्योगों से कहा कि वे बार-बार कर कटौती की मांग न करें, क्योंकि सरकार को गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करने के लिए धन की जरूरत है। यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक्स लागत 2 साल में 9 प्रतिशत कम हो जाएगी। अपने बेबाक विचारों के लिए मशहूर गडकरी ने कहा, “वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और कर कटौती की मांग मत कीजिए। यह एक सतत प्रक्रिया है जो जारी रहती है। अगर हम कर कम करते हैं, तो आप और अधिक मांग करेंगे, क्योंकि यह मानव स्वभाव है।”
उन्होंने कहा, “हम कर का बोझ कम करना चाहते हैं, लेकिन करों के बिना सरकार कल्याणकारी योजनाएं नहीं चला सकती।” मंत्री ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण अमीरों से कर वसूलना और गरीबों को लाभ पहुंचाना है। इसलिए, सरकार की भी अपनी सीमाएं हैं। गडकरी के अनुसार, भारत की लॉजिस्टिक्स लागत वर्तमान में 14 से 16 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वासन देता हूं कि दो वर्षों में हमारी लॉजिस्टिक्स लागत नौ प्रतिशत तक कम हो जाएगी।” इससे हम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
उद्योगों को रोजगार उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए
मंत्री ने कहा कि चीन में लॉजिस्टिक्स लागत 8 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय देशों में यह 12 प्रतिशत है। गडकरी ने यह भी कहा कि भारतीय उद्योग को गुणवत्ता से समझौता किये बिना उत्पादन लागत कम करने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि भारत पूंजी निवेश बढ़ाकर अधिक रोजगार सृजित करेगा। उन्होंने कहा, “आप न केवल धन सृजनकर्ता हैं, बल्कि रोजगार सृजनकर्ता भी हैं।” हमें इस स्वर्णिम युग का लाभ उठाना चाहिए। इसके अलावा, गडकरी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आयात कम करने और निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।