DL New Rules: सरकार 1 जून से बदल रही है DL बनवाने के नियम, तुरंत चेक करें अपडेट

Driving License Rules: अगर आप भी नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। जी हां, अब ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाना पहले से काफी आसान होने जा रहा है। नए नियम के लागू होने के बाद DL बनवाने की लंबी और जटिल प्रक्रिया से राहत मिलने वाली है। अभी DL बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं और ढेर सारे फॉर्म भरने पड़ते हैं। इस प्रक्रिया में कई बार गलतियां हो जाती हैं।

डीएल बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाएगी।

डीएल बनवाने में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े मौजूदा नियमों में बदलाव का ऐलान किया है। नए नियमों के लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया काफी आसान होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं 1 जून से डीएल नियमों में क्या बदलाव होगा और विभाग ने क्या बदलाव किए हैं?

सरकारी दफ्तरों में नहीं होगा ड्राइविंग टेस्ट

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। 1 जून से लागू होने वाले नियमों के मुताबिक अब सरकारी दफ्तरों में ड्राइविंग टेस्ट देना जरूरी नहीं है। अब आप किसी भी प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल में जाकर ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं। ये स्कूल लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट लेने और जरूरी सर्टिफिकेट देने के लिए अधिकृत होंगे।

कागज़ का झंझट कम!

अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कम कागज़ात की ज़रूरत होगी। आपको सिर्फ़ उस वाहन के कागज़ात लाने होंगे जिसे आप चलाना सीखना चाहते हैं (दो पहिया या चार पहिया)। इससे RTO दफ़्तर के चक्कर लगाने की ज़रूरत कम हो जाएगी।

पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित करें

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना है। इसके लिए सरकार 9 लाख पुरानी सरकारी गाड़ियां हटाने जा रही है और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे। स्पीड लिमिट पार करने पर 1000 से 2000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। नाबालिगों के गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और उनके वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, 25 साल की उम्र होने तक उन्हें लाइसेंस भी नहीं मिल पाएगा।

ड्राइविंग स्कूल के लिए महत्वपूर्ण नियम

ड्राइविंग स्कूल के पास कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए। इसके अलावा, चार पहिया वाहनों की ट्रेनिंग के लिए 2 एकड़ जमीन की जरूरत होती है। स्कूल में ड्राइविंग टेस्ट लेने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। ड्राइविंग ट्रेनिंग देने वाले व्यक्ति (ट्रेनर) के पास 10वीं का सर्टिफिकेट और पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए। उसे बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम चलाने का भी ज्ञान होना चाहिए।

गाड़ी चलाना सीखने का समय आ गया है

छोटे वाहनों (एलएमवी) के लिए 4 सप्ताह में 29 घंटे की ट्रेनिंग, जिसमें 8 घंटे की थ्योरी और 21 घंटे की प्रैक्टिकल ड्राइविंग ट्रेनिंग शामिल है। वहीं बड़े वाहनों (एचएमवी) के लिए 6 सप्ताह में 38 घंटे की ट्रेनिंग और 8 घंटे की थ्योरी और 31 घंटे की ड्राइविंग की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है। नए नियम यह सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं कि निजी ड्राइविंग स्कूलों में ड्राइविंग सीखने वाले नए ड्राइवरों को अच्छी ट्रेनिंग मिले और वे सड़क पर सुरक्षित तरीके से गाड़ी चला सकें।

आवेदन कैसे करें

आवेदन प्रक्रिया वही रहेगी। आप https://parivahan.gov.in/ के माध्यम से ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन शुल्क लाइसेंस के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होता है। लाइसेंस स्वीकृत करवाने के लिए दस्तावेज़ जमा करने और ड्राइविंग कौशल का प्रदर्शन करने के लिए अभी भी RTO कार्यालय जाना आवश्यक है।