Diwali 2025 Date: अगले साल दिवाली कब है? अभी से नोट कर लें तारीख, लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और सारी जानकारी
अभी इस साल के त्योहारों की खुमारी ठीक से उतरी भी नहीं कि मन में अगले साल के त्योहारों का इंतजार शुरू हो जाता है. और जब बात दिवाली की हो, तो इंतजार थोड़ा और खास हो जाता है. दिवाली सिर्फ एक दिन का त्योहार नहीं है, यह एक एहसास है जिसकी तैयारी महीनों पहले से हमारे दिलों में शुरू हो जाती है.
तो अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो त्योहारों की प्लानिंग पहले से करके रखते हैं, तो चलिए, हम आपकी मदद कर देते हैं. आइए जानते हैं कि साल 2025 में हम सब दिवाली कब मनाएंगे.
साल 2025 में दिवाली की तारीख (Diwali 2025 Date)
अगले साल यानी 2025 में दीपों का महापर्व दिवाली 21 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा. तो अभी से अपने कैलेंडर में इस तारीख पर एक बड़ा सा गोला बना लीजिए.
हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, और 2025 में यह तिथि 21 अक्टूबर को पड़ रही है.
लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त क्या है? (Lakshmi Puja 2025 Shubh Muhurat)
दिवाली की रात लक्ष्मी-गणेश की पूजा का सबसे बड़ा महत्व होता है. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है.
आइए जानते हैं 2025 की लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त:
- अमावस्या तिथि की शुरुआत: 21 अक्टूबर 2025, को दोपहर 01:21 बजे से.
- अमावस्या तिथि का समापन: 22 अक्टूबर 2025, को दोपहर 03:03 बजे तक.
चूंकि लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) में करना सबसे उत्तम माना जाता है, इसलिए यह पूजा 21 अक्टूबर की रात को ही की जाएगी.
- लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:49 बजे से रात 08:21 बजे तक.
- पूजा के लिए कुल समय: लगभग 2 घंटे 32 मिनट.
यह वह समय है जब आप अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं.
सिर्फ एक दिन नहीं, पांच दिनों का है ये महापर्व
याद रखें, दिवाली सिर्फ एक दिन की नहीं, बल्कि पांच दिनों तक चलने वाले उत्सवों की एक लड़ी है. 2025 में इसका क्रम कुछ इस तरह रहेगा:
- धनतेरस: 19 अक्टूबर 2025
- नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली): 20 अक्टूबर 2025
- लक्ष्मी पूजन (बड़ी दिवाली): 21 अक्टूबर 2025
- गोवर्धन पूजा: 22 अक्टूबर 2025
- भाई दूज: 23 अक्टूबर 2025
भले ही अभी 2025 की दिवाली में वक्त है, लेकिन त्योहार का इंतजार भी अपने आप में एक उत्सव ही तो है!
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