रांची, 15 नवम्बर (हि. स.)। रांची पुलिस ने टाटीसिल्वे थाना क्षेत्र के महिलौंग स्थित सरला बिरला स्कूल और सरला बिरला यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को छापेमारी की। छापेमारी में पुलिस को वहां से कुछ भी नहीं मिला।
जानकारी के अनुसार दोनों शैक्षणिक संस्थानों में अवैध रूप से नगद पैसे रखे जाने की सूचना पर पुलिस टीम वहां पहुंची थी। काफी संख्या में सुरक्षा बलों के साथ डीएसपी एवं कई थानेदारों के साथ टीम सुबह साढ़े छह बजें महिलौंग स्थित सरला बिरला स्कूल एवं यूनिवर्सिटी पहुंची। गुरु पूर्णिमा को लेकर संस्थान बंद थे। लेकिन कार्यालय कार्य के लिए स्कूल प्रबंधन के कुछ लोग मौजूद थे। सुरक्षा बलों ने सभी मुख्य द्वार को सील कर दिया एवं किसी को भी आने जाने से रोके रखा। जांच के बाद लगभग पांच घंटे बाद पुलिस टीम खाली हाथ लौटीं। टीम में शामिल अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। टीम में डीएसपी मुख्यालय प्रथम अमर कुमार पांडेय, सदर डीएसपी संजीव बेसरा, कोतवाली एवं सिटी डीएसपी के अलावा टाटीसिलवे थानेदार मनोज कुमार, नामकुम थानेदार ब्रह्मदेव प्रसाद, खरसीदाग ओपी प्रभारी भावेश कुमार सहित कोतवाली , सुखदेवनगर ,लोअर बाजार थानेदार शामिल थे।
वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की टीम ने सरला बिरला स्कूल एवं यूनिवर्सिटी में छापेमारी की। दोनों संस्थान के कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रमुख राज्यसभा सांसद सह प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा है। हालांकि छापेमारी के दौरान बाहर होने की वजह से डॉ प्रदीप वर्मा मौके पर मौजूद नहीं थे। सुबह से ही दोनों संस्थान के अलावा वर्मा के आवास में छापेमारी की अफवाह फैलाई जा रही थी लेकिन टीम ने स्कूल के समीप स्थित आवास में छापेमारी नहीं की है।
उषा मार्टिन युनिवर्सिटी के छापेमारी, मिला कुछ नहीं
रांची के अनगड़ा जिला प्रशासन के जरिये शुक्रवार को उषा मार्टिन युनिवर्सिटी में चार घंटे छापेमारी अभियान चलाया गया। विधानसभा चुनाव में अवैध रूप से खर्च करने के लिए करोड़ों रूपये यहां रखे जाने की सूचना पर यह कार्रवाई हुई। राज्य सरकार के नियुक्त दंडाधिकारी सहित सिल्ली और सदर डीएसपी एवं ओरमांझी इंस्पेक्टर अनिल कुमार तिवारी एवं अनगड़ा थाना प्रभारी हीरालाल साह के नेतृत्व में हुये इस कार्रवाई में किसी प्रकार की अवैध राशि संस्थान में नहीं मिली। छापेमारी के कारण संस्थान के विद्यार्थियों, कर्मचारियों और रणजी मैच खेल रहे खिलाड़ियों को काफी परेशानी हुई। छापेमारी के दौरान न तो किसी को संस्थान में जाने दिया गया और न निकलने दिया गया। मौके पर जिला पुलिस के सैकड़ों जवानों को तैनात किया गया था। उषा मार्टिन युनिवर्सिटी के सीओई डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन के छापेमारी में संस्थान से किसी प्रकार के अवैध कृत्य होने से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिला।