समझौते से हुए विवाद समाधान से व्यवस्था पर आमजनों का विश्वास बढ़ता है: पीडीजे

लोहरदगा, 25 मई (हि.स.)। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार अरविंद कुमार पांडेय ने आज रेफरल जजेज एवं मीडिएटर को लेकर हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में मध्यस्थों को संबोधित करते हुए कहा कि समझौते से हुए विवाद समाधान से व्यवस्था पर आमजनों का विश्वास बढ़ता है। जो वकील यह सोचते हैं कि समझौते से समाधान के पश्चात उनके केस खत्म हो जाता है, उन्हें यह जानना चाहिए कि समझौते के पश्चात त्वरित न्याय मिलने के कारण आमजनो का विश्वास बढ़ता है।

मध्यस्थता के मूल नियमों को व्याख्यापित करते हुए पीडीजे अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि मध्यस्थ को धैर्य से काम लेना चाहिए। दोनों पार्टियों को अलग-अलग एवं समन्वित रूप से सुनना चाहिए, तभी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने सिविल कोर्ट परिसर स्थित डालसा सभागार में उपस्थित मध्यस्थ, पैनल अधिवक्ताओं, एवं पीएलवी को संबोधित करते हुए कहा कि मोटर वाहन से बढ़ते दुर्घटना को लेकर सचेत होने की आवश्यकता है।

इससे पूर्व प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी ने मोटर एक्सीडेंट के मामले में मृतक के आश्रित को दिए जाने वाले मुआवजा की गणना कैसे की जाती है उसे विस्तृत रूप से बताया। डालसा सचिव राजेश कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटना में मुआवजा पाने के लिए एसडीएम के यहां आवेदन देना होता है। उन्होंने डालसा के कार्यों का विवरण पीडीजे के समक्ष रखा।

कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय सुभाष, प्रथम जिला जज अखिलेश कुमार तिवारी, द्वितीय जिला जज नीरजा असरी, वरीय सिविल जज अर्चना कुमारी, सीजीएम कृष्णकांत मिश्रा, डालसा सचिव राजेश कुमार, सिविल कोर्ट निबंधक अमित कुमार गुप्ता के अतिरिक्त एलएडीसीएस के अधिवक्ता, पीएलवी एवं मध्यस्थ उपस्थित थे।