चंदेरी : मछली पकड़ने को लेकर हुआ विवाद, 2 घंटे तक किया चक्काजाम

चंदेरी, 13 मार्च (हि.स.)। रानी लक्ष्मीबाई सागर राजघाट बांध परियोजना के निचले हिस्से (डाउन स्ट्रीम) में मछली पकड़ने को लेकर मछली ठेकेदार एवं स्थानीय मछुआरों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि स्थानीय समाज के नेताओं को साथ में लेकर मछुआरों द्वारा अंतर राज्य सीमा के मध्य प्रदेश वाले हिस्से में ललितपुर चंदेरी मुख्य मार्ग को पत्थर लकड़ी एवं अन्य सामान रखकर आवागमन को पूर्णतः बाधित कर दिया।

चक्का जाम की जानकारी प्राप्त होते ही थाना प्रभारी चंदेरी सहित संपूर्ण पुलिस बल सीमा पर लगे चक्का जाम को खुलवाने के लिए पहुंचा। पुलिस ने स्थानीय मछुआरा संघ के नेता और उनके समाज जनों को पूर्व में समझाइश देकर चक्काजाम समाप्त करने के लिए निवेदन भी किया। ना मानने पर विधि अनुसार वैधानिक दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी। जिसके बाद चक्का जाम खोल दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रानी लक्ष्मीबाई सागर परियोजना राजघाट बांध के निचले हिस्से डाउनस्ट्रीम में रोलर बकेट मडानाला के भराव क्षेत्र में ग्राम रानीपुरा तक मछली पकड़ने का ठेका दिनांक 29/ 2 /2024 को सुशीला पत्नी गोवर्धन को 28 माह के लिए कुल रकम 9,97,000 में कार्यालय अधिशासी अभियंता विद्युत गृह एवं भंडार प्रखंड राजघाट के द्वारा दिया गया था। जिस पर ठेकेदार द्वारा पिछले 10 दिन से मछली पकड़ी जा रही थी। किंतु स्थानीय मछुआरों द्वारा अपने रोजी-रोटी को प्रभावित होते देख समाज के नेता साकू लाल रैकवार को साथ में लेकर ललितपुर चंदेरी मार्ग को जाम लगाते हुए दो घंटे तक यातायात पूर्णता बाधित कर दिया था।

चक्का जाम कर रहे स्थानीय मछुआरों द्वारा बताया गया कि बेतवा रिवर बोर्ड के अधिकारियों के साथ ठेकेदार की सांठगांठ है जो पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। बेतवा रिवर बोर्ड के अधिकारियों द्वारा निजी फायदे के लिए इस बार कम कीमत पर ठेकेदार को डाउनस्ट्रीम का ठेका दिया गया है। इस संबंध में कन्हैयालाल दांगी थाना प्रभारी चंदेरी का कहना है कि मछली ठेकेदार एवं मछली पकड़ने वालों के बीच किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। जिस कारण उन्होंने मुख्य मार्ग पर धरना प्रदर्शन किया था जिससे आवागमन भी प्रभावित हुआ। समझाइश एवं चेतावनी के बाद चक्का जाम खुल गया।