प्रयागराज, 11 मई (हि.स.)। भारतीय सूचना प्रद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी), इलाहाबाद में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल के तत्वावधान में शनिवार को झलवा परिसर में ’’स्कूल टू स्टार्टअप’’ थीम पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया।
आईआईसी, ट्रिपल आईटी इलाहाबाद द्वारा विज्ञान भारती, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स (आईएपीटी) और आईईईई फोटोनिक सोसाइटी के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि स्किल इंडिया प्रोग्राम की अध्यक्ष डॉ. विभा मिश्रा ने भारत में स्टार्टअप और व्यवसाय विकास के लिए कई सरकारी योजनाओं और अवसरों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने इस बारे में भी विस्तृत चर्चा की कि कैसे सरकार भारत के उभरते युवा उद्यमियों और युवा दिमागों को स्टार्टअप करने और अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद कर रही है।
ट्रिपल आईटी के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पंकज मिश्र ने बताया कि ट्रिपल आईटी के कार्यवाहक निदेशक प्रो. ओपी व्यास ने स्टार्टअप और व्यवसाय के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि भारत स्टार्टअप क्रांतिकारी युग से गुजर रहा है, इसलिए हमें समस्या-समाधान दृष्टिकोण के बारे में सोचने की जरूरत है, ताकि हम अपने समाज में योगदान दे सकें।
प्रोफेसर शेखर वर्मा ने चर्चा की कि कैसे एक छोटा सा विचार एक बड़े व्यवसाय में बदल सकता है। केवल हमें अलग ढंग से और एक नवीन दिमाग के साथ सोचना होगा। हम एक तकनीकी और नवीन दृष्टिकोण के साथ एक छोटे से विचार से शुरुआत कर सकते हैं जो एक बड़ी समस्या-समाधान की घटना को जन्म देगा और अंततः एक बड़े व्यवसाय के विकास को जन्म देगा। उन्होंने फोटोग्राफ से लेकर मोशन पिक्चर तक के उदाहरण दिये।
ट्रिपल आईटी के चीफ प्रॉक्टर और निदेशक ओएसडी डॉ. अखिलेश तिवारी ने कहा कि जैसा हम जानते हैं कि वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और नव प्रवर्तकों के योगदान को पहचानने और वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 1998 में पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण की याद में की गई थी। 2024 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की थीम “स्कूलों से स्टार्टअप तकः नवप्रवर्तन के लिए युवा दिमागों को प्रज्वलित करना“ है।
डॉ. रंजना व्यास ने स्टार्टअप संस्कृति और युवा दिमाग उद्यमिता पर बताया कि कैसे ट्रिपल आईटी स्टार्टअप संस्कृति छात्रों को अपने विचार को एक बड़े व्यवसाय में विकसित करने में मदद कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि स्टार्टअप करने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है, वह कई युवा छात्र स्टार्टअप और व्यवसाय के लिए उनके नवीन विचारों के उदाहरण भी देती हैं। इस अवसर पर आईआईसी आईआईआईटीए के समन्वयक डॉ. प्रमोद कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।