भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के कोचिंग स्टाफ को मजबूत करने के लिए गौतम गंभीर की अगुवाई वाली टीम में नए चेहरे को शामिल करने की योजना बनाई है। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट के बीच चल रही चर्चाओं से संकेत मिलता है कि बैटिंग कोच की नियुक्ति पर विचार किया जा रहा है।
कोचिंग स्टाफ को मजबूत करने की जरूरत
फिलहाल, भारतीय कोचिंग स्टाफ में शामिल सदस्य:
- गौतम गंभीर – मुख्य कोच
- मोर्ने मोर्कल – गेंदबाजी कोच
- अभिषेक नायर – सहायक कोच
- रेयान टेन डोशेट – सहायक कोच
- टी. दिलीप – फील्डिंग कोच
रिपोर्ट के मुताबिक, टीम मैनेजमेंट मानता है कि बल्लेबाजी विभाग में एक ऐसे कोच की जरूरत है, जो विराट कोहली, रोहित शर्मा, और अन्य बल्लेबाजों के साथ व्यक्तिगत रूप से काम कर सके।
भरत अरुण की टिप्पणी: कोचिंग स्टाफ में आत्मविश्वास की कमी?
भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने मौजूदा कोचिंग स्टाफ की क्षमता पर सवाल उठाए।
- भरत अरुण ने कहा,
“मौजूदा कोचिंग स्टाफ में ऐसा कोई नहीं है जो कोहली को उनकी गलतियां बता सके।” - उन्होंने रवि शास्त्री का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे शास्त्री ने कोहली को उनकी तकनीकी खामियों के बारे में समझाया था।
- “इंग्लैंड में कोहली की बल्लेबाजी में समस्या थी। शास्त्री ने उन्हें मिडल स्टंप और क्रीज के बाहर आने की सलाह दी, जिसका फायदा उन्हें ऑस्ट्रेलिया में चार शतक के रूप में मिला।”
कोहली और रोहित जैसे दिग्गजों के लिए एक खास कोच की तलाश
भरत अरुण ने यह भी कहा:
“कोहली और रोहित जैसे खिलाड़ियों को गाइड करने के लिए कोचिंग स्टाफ में आत्मविश्वास और अनुभव का होना बेहद जरूरी है।”
- हालिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब कोहली लगातार स्लिप में आउट हो रहे थे, तो ऐसा नहीं लगा कि कोचिंग स्टाफ ने उन्हें तकनीकी सुधार के लिए कुछ कहा।
बीसीसीआई की संभावित योजना
बीसीसीआई अब ऐसे कोच की तलाश में है जो न केवल बल्लेबाजों की तकनीकी खामियों को पहचान सके, बल्कि उनके साथ मिलकर काम भी कर सके।
- चर्चा में शामिल नामों में घरेलू क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं।
- फिलहाल, कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन चयन प्रक्रिया जारी है।
क्या लाएगा नया बैटिंग कोच?
- तकनीकी मार्गदर्शन: बल्लेबाजों की स्विंग, बाउंस, और स्पिन को खेलने की तकनीक में सुधार।
- स्ट्रेटेजिक इनपुट: विदेशी दौरों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बल्लेबाजी की रणनीति तैयार करना।
- दबाव में मार्गदर्शन: बड़े मैचों में दिग्गज खिलाड़ियों को मानसिक मजबूती देना।