कश्मीर के दिव्यांग उद्यमी ने दिखाया जज्बा, जीता प्रतिष्ठित एनसीपीईडीपी-हेलेन केलर अवॉर्ड

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श्रीनगर, 25 नवंबर (हि.स.)। कश्मीर की शांत घाटी में एक प्रेरणादायक कहानी गढ़ी जा रही है-यह कहानी है जज्बे, समावेश और संकल्प की। मिलिए जावेद अहमद शेख से जो रेबार शॉल्स के संस्थापक और 25वें एनसीपीईडीपी-हेलेन केलर अवॉर्ड के विजेता हैं। जावेद की कहानी उनके परिवार की 40 साल पुरानी सोज़नी कढ़ाई की विरासत को दिव्यांग व्यक्तियों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने के मिशन के साथ जोड़ने की प्रेरणा देती है।

पिछले 25 वर्षों से, एनसीपीईडीपी-हेलेन केलर अवॉर्ड्स ऐसे अद्भुत व्यक्तियों और संस्थानों की पहचान कर रहे हैं जो रोजगार, समानता और कार्यस्थल में विविधता को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। चलने-फिरने में अक्षम होने और व्हीलचेयर का उपयोग करने के बावजूद जावेद ने श्रीनगर में एक सफल उद्यम स्थापित किया है जिसमें 47 कारीगर काम करते हैं जिनमें 24 दिव्यांग और एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्य शामिल हैं। उनका उद्यमी दृष्टिकोण और समावेश के प्रति प्रतिबद्धता ने रेबार शॉल्स को सशक्तिकरण का प्रतीक बना दिया है।

इस सम्मान पर जावेद अहमद शेख ने कहा कि यह मान्यता मेरे संकल्प को और मजबूत करती है कि मैं अपने काम को जारी रखूं और समावेश और अवसरों की असीम संभावनाओं को प्रदर्शित करूं। सोज़नी कढ़ाई के माध्यम से हम न केवल एक खूबसूरत कला को संरक्षित कर रहे हैं बल्कि जीवन को सशक्त बना रहे हैं और सतत आजीविका का निर्माण कर रहे हैं।

जावेद का प्रभाव रोजगार से परे है। कारखंदार योजना के तहत वे छह महीने का सोज़नी कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हैं जिसने 20 से अधिक प्रशिक्षुओं को सशक्त बनाया है। इनमें से कई ने अपने उद्यम शुरू किए हैं। उनके काम ने न केवल कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया है बल्कि कारीगरों को आर्थिक स्थिरता भी प्रदान की है।

एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमान अली ने कहा कि भारत के कार्यबल में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण के बावजूद उनकी भागीदारी की स्थिति चुनौतियों और अवसरों का मिश्रण प्रस्तुत करती है। हालांकि एक समावेशी कार्यबल बनाने के लिए हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है लेकिन यह राह संभावनाओं और प्रयासों से उज्जवल है। जावेद अहमद शेख समावेश और जज्बे का एक चमकता उदाहरण हैं जो साबित करते हैं कि बाधाओं को अवसरों में बदला जा सकता है।

जावेद की यात्रा कई सम्मान से चिह्नित है जिसमें जम्मू-कश्मीर के गवर्नर द्वारा दिया गया यूटी अवॉर्ड भी शामिल है। बतौर नेडार एंबेसडर वे जम्मू-कश्मीर चैप्टर के लिए कारीगरों के सशक्तिकरण के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

जावेद अहमद शेख अपनी अथक कोशिशों से केवल शॉल ही नहीं बल्कि गरिमा, सशक्तिकरण और आशा की कहानियां भी बुनते हैं जो उन्हें इस प्रतिष्ठित सम्मान का सच्चा पात्र बनाती हैं।