नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। आर्थिक र्मोचे पर अच्छी खबर है। सरकार का खजाना टैक्स क्लेकशन से भर गया है। देश का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष 2024-25 में एक अप्रैल से 17 जून, 2024 के बीच सालाना आधार पर 21 फीसदी उछलकर 4.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। वहीं, सकल कर संग्रह सालाना आधार पर 22.19 फीसदी बढ़कर 5.16 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 22.19 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 5.16 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 17 जून, 2024 के बीच सालाना आधार पर 21 फीसदी उछलकर 4.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अग्रिम टैक्स संग्रह 27.34 फीसदी बढ़कर 1,48,823 करोड़ रुपये रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अबतक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में अग्रिम कर संग्रह में हुई वृद्धि का विशेष योगदान रहा। अग्रिम कर की पहली किस्त 15 जून को देय थी। यह संग्रह 27.34 फीसदी बढ़कर 1.48 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसमें 1.14 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर (सीआईटी) और 34,470 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 53,322 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में एक अप्रैल से 17 जून, 2024 तक 4,62,664 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है। इसमें 1,80,949 करोड़ रुपये का सीआईटी और 2,81,013 करोड़ रुपये का पीआईटी (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित) शामिल हैं। सीबीडीटी के मुताबिक वित्त वर्ष चालू 2024-25 में 17 जून तक 53,322 करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष के समान अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 34 फीसदी अधिक है।