डिजिटल पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पेटीएम (Paytm) को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के कथित उल्लंघन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है। यह नोटिस कंपनी द्वारा की गई कुछ लेन-देन से संबंधित है।
किस मामले में पेटीएम को मिला कारण बताओ नोटिस?
पेटीएम ने शेयर बाजारों को सूचित किया कि यह नोटिस उसकी दो सहायक कंपनियों— लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड— की खरीद से जुड़े नियमों के उल्लंघन से संबंधित है। गौरतलब है कि 2017 में पेटीएम ने इन दोनों कंपनियों का अधिग्रहण किया था।
ED द्वारा भेजे गए नोटिस का विवरण
पेटीएम ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि उसे यह कारण बताओ नोटिस 27 फरवरी 2025 को जारी किया गया था और 28 फरवरी 2025 की शाम 7:27 बजे यह कंपनी को प्राप्त हुआ। यह नोटिस कंपनी, उसके कुछ डायरेक्टर्स और अधिकारियों के खिलाफ है, जिसमें वर्ष 2015 से 2019 के बीच इन दोनों कंपनियों के अधिग्रहण में FEMA, 1999 के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
क्या हैं मुख्य आरोप?
पेटीएम की फाइलिंग में यह बताया गया है कि आरोप लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में किए गए निवेश और FEMA नियमों के अनुपालन से जुड़े हैं।
- कुछ कथित उल्लंघन उस समय के हैं, जब ये कंपनियां पेटीएम की सहायक कंपनियां नहीं थीं।
- निवेश प्रक्रिया में कथित तौर पर FEMA के नियमों का पालन नहीं किया गया था।
पेटीएम की प्रतिक्रिया: कानूनी सलाह ले रही कंपनी
पेटीएम ने कहा कि वह इस मामले को हल करने के लिए आवश्यक कानूनी सलाह ले रही है और उचित उपायों का मूल्यांकन कर रही है।
- कंपनी का कहना है कि वह कानूनी प्रक्रियाओं और रेगुलेटरी मानकों का पूरी तरह पालन कर रही है।
- पेटीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नोटिस का कंपनी की सेवाओं, उपभोक्ताओं और मर्चेंट्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- कंपनी पारदर्शिता, गवर्नेंस और नियमों के अनुपालन के सिद्धांतों को बनाए रखने पर जोर दे रही है।