डायबिटीज के मरीज इस तरह करें काली मूसली का सेवन, जल्दी कम होगी शुगर

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काली मूसली के फायदे: मधुमेह आहार, जीवनशैली और आनुवंशिक कारकों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान न देने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। मधुमेह में, शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाती हैं। जिससे शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा रहता है.

डायबिटीज में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक उत्पादों का सेवन फायदेमंद होता है। काली मूसली भी एक बहुत ही गुणकारी और गुणकारी औषधि है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं डायबिटीज में काली मूसली खाने के फायदे और सही तरीका।

मधुमेह में काली मूसली के फायदे
काली मूसली एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग कई समस्याओं और बीमारियों में किया जाता है। नोएडा स्थित आरोग्य आरोग्य केंद्र के आयुर्वेदिक डाॅ. एस.के. पांडे कहते हैं, “काली मूसली में मौजूद औषधीय गुण शरीर में ऊर्जा बढ़ाने और इंसुलिन के उचित उपयोग में मदद करते हैं। इसके सेवन से मधुमेह में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।”

काली मूसली में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति संवेदनशील बनाने में मदद करते हैं। इससे शरीर ब्लड शुगर का बेहतर इस्तेमाल करता है। इसके अलावा काली मूसली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में सूजन को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। मधुमेह से शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जो अग्न्याशय को नुकसान पहुंचाती है और इंसुलिन उत्पादन को प्रभावित करती है।

इसके अलावा डायबिटीज में काली मूसली खाने के कुछ फायदे इस प्रकार हैं
ताकत बढ़ाने वाली: काली मूसली एक शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह थकान और कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है।
टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाती है: काली मूसली पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है, जिससे यौन क्षमता और शारीरिक शक्ति में सुधार होता है।
हड्डियों को मजबूत बनाता है: काली मूसली में कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है: काली मूसली में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है।

डायबिटीज में काली मूसली का सेवन कैसे करें?
काली मूसली के सेवन की मात्रा उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए। सामान्य तौर पर, वयस्कों के लिए काली मूसली की निम्नलिखित खुराक की सिफारिश की जाती है:

  • पाउडर: 2-3 ग्राम, दिन में दो बार
  • कैप्सूल: 1-2 कैप्सूल, दिन में दो बार
  • गोलियाँ: 1-2 गोलियाँ, दिन में दो बार

डायबिटीज की स्थिति में डॉक्टर की सलाह के बाद काली मूसली का कई तरह से सेवन किया जा सकता है। आप पानी के साथ कैप्सूल या टैबलेट ले सकते हैं। इसके अलावा आप पाउडर को गर्म दूध या पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं। आप इसमें शहद जैसे प्राकृतिक मिठास भी मिला सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।