देश में डायबिटीज़ के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस चुनौती का सामना करने के लिए लोग कई तरीके अपना रहे हैं – कुछ दवाइयों पर निर्भर हैं, तो कुछ आयुर्वेदिक विकल्पों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन एक गंभीर समस्या सामने आई है: अगर आपकी दवा नकली हो जाए तो?
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओजेम्पिक (सेमाग्लूटाइड) जैसी दवाओं के नकली संस्करणों के बारे में चेतावनी जारी की है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, डायबिटीज़ और वेट लॉस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली यह दवा कई स्थानों पर नकली पाई गई है, जिससे मरीजों की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।
नकली दवाओं से सावधान रहें
WHO की रिपोर्ट में बताया गया है कि सेमाग्लूटाइड जैसी दवाओं के नकली रूप दुनिया के विभिन्न देशों – जैसे कि ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड और हाल ही में यूएस में भी – मिल रहे हैं। इन नकली दवाओं में जरूरी सक्रिय घटक नहीं होने के कारण, ब्लड शुगर का नियंत्रण नहीं हो पाता, जिससे मरीजों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, वेट लॉस के लिए नकली दवाओं का सेवन भी खतरनाक साबित हो सकता है।
घरेलू उपाय जिनसे ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है
जब दवाइयों पर भरोसा करना जोखिम भरा हो जाए, तो कुछ घरेलू उपाय हैं जो आपके ब्लड शुगर लेवल को स्थायी रूप से नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:
1. रामकरेला
रामकरेला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक है। नियमित रूप से रामकरेला का सेवन करने से इंसुलिन के स्तर में संतुलन बना रहता है। इसमें पॉलीपेप्टाइड गुण और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सितंबर और अक्टूबर में रामकरेला का उत्पादन होता है, जो आयरन से भरपूर होता है और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
2. पलाश के फूल
पलाश के फूलों में ग्लूकोसाइड, ब्यूट्रिन और आइसोब्यूट्रिन जैसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं, जो एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण प्रदान करते हैं। इन गुणों के कारण यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में सहायक है। NCBI के एक शोध में पाया गया कि लैब में चूहों पर दो हफ्तों तक 200 मिलीग्राम पलाश के उपयोग से उनके शुगर लेवल और सीरम कोलेस्ट्रोल में सुधार हुआ। साथ ही, पलाश के पत्तों का उपयोग एंटीसेप्टिक के रूप में भी किया जाता है।
3. कद्दू के बीज
कद्दू के बीज (या पंपकिन सीड्स) को सुपर फूड कहा जाता है। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। एक कप कद्दू के बीज में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नगण्य होती है, जिससे ये ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाते। साथ ही, इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं, जो न केवल शरीर को गर्म रखते हैं, बल्कि दिल के मसल्स को भी मजबूत बनाते हैं।