फिरोजाबाद, 04 जुलाई (हि.स.)। थाना टूण्डला पुलिस व सर्विलांस टीम ने गुरुवार को युवक की हत्या कर शव सिंचाई विभाग के जर्जर भवन में फेंकने के तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया है। युवक की हत्या पैसों के लेनदेन को लेकर हुई थी।
अपर पुलिस अधीक्षक नगर सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि 29 जून को चौकीदार सिंचाई विभाग खंड द्वितीय उपखण्ड टूण्डला चुन्नीलाल द्वारा थाना टूण्डला पुलिस को एक अज्ञात युवक (30) का शव मिलने की सूचना दी गई थी। पुलिस टीम द्वारा शव की पहचान धर्मवीर सिंह पुत्र गिर्राज सिंह निवासी ग्राम धर्मपुर पोस्ट जारखी थाना पचोखरा के रूप में की गयी थी। मृतक के परिजन पप्पू की तहरीर के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच की गई। घटना के खुलासे के लिए 3 पुलिस टीमों का गठन किया गया।
उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी टूंडला अनुज कुमार ने पुलिस टीम के साथ ठोस साक्ष्य संकलन के आधार पर धर्मवीर की हत्या करने वाले 03 अभियुक्तों दीपक पुत्र विजय सिंह निवासी धर्मपुर थाना पचोखरा, भोला उर्फ मुनेश ठैनुआ पुत्र महराज सिंह निवासी नौपुरा थाना सादाबाद जिला हाथरस व लहटू उर्फ विष्णु पुत्र रनवीर सिंह निवासी नौपुरा थाना सादाबाद जिला हाथरस को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक अगौंछा, ग्लब्स एक ईंट, एक मोबाइल फोन, कुल 95000 रुपए, मृतक धर्मवीर की मोटरसाईकिल पल्सर व घटना में प्रयुक्त मोटरसाईकिल बरामद की है।
एएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तगण ने हत्या कारित करना स्वीकार किया है। मुख्य अभियुक्त दीपक ने बताया है कि धर्मवीर मेरे गांव का रहने वाला था जो मेरा करीबी दोस्त था। हम लोगों के बीच में रूपयों का लेन—देन होता रहता था। मैंने करीब चार पांच महीने पहले साठ हजार रूपये उधार लिये थे, जिनमें से मैं तीस हजार रुपये वापस कर चुका था। मेरे पास धर्मवीर को देने के लिये रूपये नहीं थे। धर्मवीर मुझसे बार—बार तगादा करता था औऱ मेरे साथ गाली गलौज करता था। जिसके चलते मैंने अपने साथियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से धर्मवीर की हत्या कर दी।
दीपक ने बताया कि भोला और लहटू को मैंने धर्मवीर की हत्या कर उसके मोबाइल व यूपीआई का पासवर्ड पता होने की बात कहते हुए दोनों को हत्या के बाद अच्छा रुपया देने का लालच दिया था। दीपक ने लहटू तथा भोला को यह भी बताया कि वह क्राइम पैट्रोल देखता है। इस तरह की योजना बनाकर हत्या कर देंगे कि तुम लोगों का पुलिस में नाम भी नहीं आयेगा। दीपक ने हत्या के बाद जन सेवा केन्द्र पर जाकर धर्मवीर के मोबाइल से यूपीआई ट्रांजेक्शन के द्वारा धर्मवीर के खाते से 99 हजार रूपये ट्रांसफर किये थे। जिन्हें बरामद किया गया है।