धार, 16 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे मंगलवार को 26वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 11 अधिकारियों की टीम 28 श्रमिकों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और दोपहर 12 बजे बाहर आ गई। इस दौरान सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
एएसआई सर्वे के 26वें भोजशाला परिसर के पीछे की ओर तीन साइटों पर सर्वे का काम जारी रहा। वहीं, मंगलवार को भोजशाला परिसर में हिंदू संगठनों द्वारा पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हालांकि, हवन कुंड में हवन पूजन नहीं हुआ, क्योंकि यहां सोमवार को सर्वे किया जा रहा था और मंगलवार को हवन कुंड की सफाई की गई।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सोमवार को भोजशाला परिसर में खुदाई के दौरान गौतम बुद्ध की मूर्ति निकली थी, लेकिन एएसआई के अधिकारियों ने उन्हें नहीं बताया कि यह किसकी मूर्ति है। उन्होंने कहा कि हम यह आपत्ति लिखित में दर्ज करवाएंगे।
मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि हम लिखित में आपत्ति दर्ज करवाएंगे कि हमें इस मूर्ति के बारे में जानकारी नहीं दी गई और इसको अलग रख दिया गया है। समद का कहना है कि सोमवार को खुदाई के दौरान करीब 12:30 बजे गौतम बुद्ध की मूर्ति प्राप्त हुई थी। एक बाई डेढ़ फीट के करीब उसका साइज था। महाराजा गौतम बुद्ध की मूर्ति को जब हम लोगों ने देखा और अधिकारियों से इस विषय पर पूछा तो उनका जवाब था कि बड़े अधिकारियों से पूछकर आपको कल जानकारी दी जाएगी, लेकिन आज भी उस मूर्ति के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
वहीं, हिन्दू पक्षकार आशीष गोयल ने कहा कि जो सर्वे हो रहा है, वह वैज्ञानिक पद्धति से हो रहा है। सारे पैरामीटर्स पर होगा। उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्षों की मौजूदगी में एएसआई का सर्वे चल रहा है। भोजशाला परिसर में जो कुछ भी निकलता है, दोनों ही पक्षों की मौजूदगी में उसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करवाई जाती है। उसके बाद क्लीनिंग कर ब्रशिंग करके उसे सुरक्षित रख दिया जाता है।
गोयल ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार सारा कार्य हो रहा है। हमारी मांग है कि प्रवेश द्वार से उत्तर की ओर बाहर की ओर भोजशाला के पूर्व में जो भी मरम्मत हुई हो या खुदाई हुई हो या रखरखाव हुआ हो, उसके अंदर जो भी स्तंभ हैं, पिलर बेस हैं, आकृतियां हैं, उन सबको भी सर्वेक्षण में शामिल किया जाए। साथ ही अंदर की ओर भी ऐसे अवशेष रखे हुए हैं, उन्हें भी सर्वेक्षण में शामिल किया जाए।