सोने का भाव सुन उड़ जाएँगे होश, फिर भी लोग बाज़ारों में टूट पड़े हैं! जानिए इस दीवानगी की असली वजह
Dhanteras gold buying tradition in India : सोने का भाव मानो रॉकेट की रफ़्तार से आसमान छू रहा है। क़ीमतें इतनी बढ़ चुकी हैं कि आम आदमी के लिए खरीदना तो दूर, सोचने में भी डर लगे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि बाज़ारों में रौनक़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। लोग पहले से भी ज़्यादा सोना ख़रीद रहे हैं, ख़ासकर जब धनतेरस सिर पर है।
यह कोई मज़ाक नहीं है! पिछले एक साल में ही सोने के दाम में ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक का उछाल आया है। आज जो 24 कैरेट सोना दिल्ली के सर्राफ़ा बाज़ार में ₹1,33,605 प्रति दस ग्राम का है, वही सोना पिछले साल इसी समय पर ₹78,800 का था। लेकिन इस महँगाई का लोगों के उत्साह पर कोई असर नहीं पड़ रहा। यह जोश सिर्फ़ दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे शहरों में भी साफ़ दिख रहा है।
तो फिर लोग इतना महँगा सोना ख़रीद क्यों रहे हैं? इसके पीछे 3 बड़ी वजहें हैं:
1. पुराने सोने से नए गहने बनवाने का स्मार्ट तरीक़ा
कई बड़े ब्रांड्स ने ग्राहकों की नब्ज़ को पकड़ लिया है। जैसे तनिष्क ने एक ज़बरदस्त स्कीम निकाली है, जिसमें लोग अपने पुराने सोने या गहनों को देकर बिना कोई बनवाई शुल्क (मेकिंग चार्ज) दिए नए डिज़ाइनर गहने बनवा सकते हैं।
इसका नतीजा यह हुआ है कि लोग अपने घरों और लॉकर्स में पड़ा पुराना सोना निकालकर बाज़ार में ला रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, हमारे घरों में लगभग 25,000 टन सोना ऐसे ही पड़ा हुआ है। अगर यह सोना बाज़ार में आ जाए और रीसायकल होकर नए गहनों में बदल जाए, तो भारत को बाहर के देशों से सोना मंगाना ही नहीं पड़ेगा। इससे देश का बहुमूल्य विदेशी पैसा भी बचेगा।
2. "अब नहीं ख़रीदा, तो और महँगा हो जाएगा" वाला डर
जब अगस्त-सितंबर में सोने के दाम बढ़ने शुरू हुए, तो लोगों ने सोचा कि शायद कुछ दिनों में क़ीमतें कम हो जाएँगी। लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। दाम कम होने की बजाय और तेज़ी से बढ़ने लगे।
अब लोगों को यह डर सता रहा है कि अगर अभी नहीं ख़रीदा, तो आने वाले शादी-ब्याह के सीज़न (दिसंबर-जनवरी) तक यह और भी महँगा हो जाएगा। इसी डर की वजह से लोग "आज ही ख़रीद लो" वाली सोच के साथ बाज़ारों में उतर आए हैं।
3. सोने से सिर्फ़ इन्वेस्टमेंट नहीं, इमोशन भी जुड़ा है
भारत में सोना सिर्फ़ एक métal नहीं है, यह हमारी आस्था और परंपरा का हिस्सा है। धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है, चाहे वह कितना भी महँगा क्यों न हो। यह एक ऐसा विश्वास है, जो महँगाई पर भारी पड़ता है।
इसी वजह से, लोग सिर्फ़ गहने ही नहीं, बल्कि सोने के सिक्के भी ख़ूब ख़रीद रहे हैं, क्योंकि इसे सबसे शुद्ध और सुरक्षित निवेश माना जाता है। तो अगली बार जब आप सोने की बढ़ती क़ीमतें देखें, तो यह भी याद रखें कि भारतीयों के लिए यह सिर्फ़ एक सौदा नहीं, बल्कि एक अहसास है।
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