धमतरी, 13 मई (हि.स.)। 32 कमार परिवारों के लिए केन्द्रीय जनमन योजना से निर्मित पीएम आवास पर अब खतरा मंडराने लगा है। जिस जमीन पर आवास बनाया गया है, वह जमीन किसी दूसरे की है। पटवारी व आरआई द्वारा किए सीमांकन में भी यह स्पष्ट हो चुका है। अब जमीन मालिक इन परिवारों को खदेड़ रहे हैं, ऐसे में पीड़ित कमार परिवार के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचकर शासन-प्रशासन से मुआवजा की गुहार लगाई है, क्योंकि उनके पास अब रहने के लिए आवास नहीं है।
नगरी ब्लाॅक अंतर्गत ग्राम कसपुर के आश्रित ग्राम कमारपारा निवासी कमार मंगलूराम, सुकलाल, खीरभान, बिसरूराम, संतोष, मुन्नी बाई, धनेश्वरी बाई, कुंवर बाई, सरजूराम, संतोष कमार, जयसिंग, रूपसिंग, जीवन लाल, अनिता बाई, देवकरण, भानूराम, राजकुमार, बिसन बाई, दुखूराम, नोहर सिंह आदि 13 मई को कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में कमार परिवार के पीड़ित लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि 50 साल पहले गांव में 32 कमार सदस्य बसे हैं। जिस जगह पर वे बसे हैं, उसका सीमांकन कराने पर यह जमीन स्व. रतीराम के नाम पर दर्ज है। यह जमीन सन् 1975 में शासन राजस्व विभाग द्वारा दिया था। एक-दो साल के बाद किसान रतीराम की मृत्यु हो गई। अब उनके परिजन पटवारी और राजस्व निरीक्षक द्वारा नाप-जोख कराया, जिसमें पता चला कि जमीन वाले अब जमीन का मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं। इससे उनकी परेशानी बढ़ गई है।
कमारों ने बताया कि केन्द्र सरकार की जनमन योजना के तहत उनके काबिज जगह में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत बनाया गया है, उसे अब तोड़ फोड़ करना चाहते हैं। उनके पास इस जमीन के अलावा कोई दूसरी जगह नहीं है, इसलिए कमारों ने राज्य सरकार की योजना के अनुसार कमारों के लिए जमीन के एवज में मुआवजा दिलाने की मांग की है। कमारों ने बताया कि उन्हें बेदखल करने पर उनके पास रहने के लिए मकान नहीं है। शासन से मुआवजा की राशि मिलने पर दूसरा मकान बना सकते हैं। उल्लेखनीय है कि बिना जांच-पड़ताल के जवाबदार अधिकारियों ने दूसरे के जमीन पर कमारों के लिए पीएम आवास कैसे तैयार कर दिया, यह शासन-प्रशासन के लिए जांच का विषय बना हुआ है। कमारों की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।