धमतरी, 14 मई (हि.स.)। सिंध शक्ति महिला संगठन के नेतृत्व में एवं प्रेरणा स्रोत पूज्य सिंधी पंचायत के तत्वाधान में 14 मई की शाम एक शाम बुजुर्गों के नाम के तर्ज पर एक पिकनिक दादी मां के नाम कार्यक्रम मकई गार्डन में रखा गया। आयोजन में अनेक दादियों ने भाग लिया। समिति की ओर से इन्हें गिफ्ट भी भेंट किया गया।
इस आयोजन में 100 साल की राजधानी परिवार की दादी ने भाग लिया और 102 वर्ष की चंद्र बजाज ने इसमें भाग लेकर उन्होंने अपनी सहभागिता ली। आयोजन में 90 की उम्र से लेकर 100 तक की 25 महिलाओं लोगों ने भाग लिया। टीका लगाकर, बैच पहनाकर, आरती उतारकर फूल से स्वागत किया गया। इनके लिए रोचक गेम का आयोजन किया गया। कुर्सी दौड़ के अलावा सिंधी गाने पर डांस का आयोजन हुआ। अंत में बुजुर्ग महिलाओं के नाम से केक काटा गया। कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने कहा कि हर समाज में ऐसे प्रोग्राम होना चाहिए। हमको एक दिन अपने बुजुर्गों को देना चाहिए क्योंकि इनका भी अपना एक दिन रहता है।
इस अवसर पर प्रिया पंजवानी, सचिव साक्षी वाधवानी, दिशा कमरानी, पलक सुंदरानी, रोमा राहुजा, रिया सोनेटा, मोना वाधवानी, शारदा चावला,जय चावला, किरण ग्वालानी, सरला डडवानी, श्वेता ननकानी, मोना वाधवानी, संगीता वाधवानी, सिमरन वाधवानी, कुमकुम रेवलानी, अन्यया असवानी, दीपा जसवानी, प्रीति पिंजानी, हेमा पौपटानी, मुस्कान मोटवानी, पिंकी सुखवानी, रीता धामेचा, कोमल चावला, कोमल मोटवानी, सोना चादवानी, पिंकी जसूजा, दिशा जसवानी, जय बालचंदानी सीमा सुंदरानी, रेखा साधवानी, लक्ष्मी सुंदरानी प्राची लालवानी, काजल वरदानी, हर्ष वाधवानी, आशा जसूजा, रिद्धि मोटवानी, मंजू खटवानी, शीला आहूजा नीलू चावला, ऋषिका बुधवानी, सुशील जिज्ञासी, सविता जिज्ञासी, कविता जिज्ञासी, हर्ष वाधवानी, भूमि वाधवानी, कंचन रामानी पूजा पोतानी, बंटी वाधवानी की पूरी टीम और समाज के पूज्य सिंधी पंचायत उपाध्यक्ष रामचंद्र वाधवानी,किशोर चारवानी सहित अन्य मौजूद थे।
बुजुर्गों की खुशी के लिए हमें समय निकालना ही चाहिए-चंदू जसवानी
इस अवसर सिंधी समाज के पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष चंदू जसवानी ने कहा कि बुजुर्गों की खुशी के लिए हमें एक दिन उनके लिए निकालना ही चाहिए। ऐसे प्रोग्राम समाज में होने ही चाहिए। सिंध शक्ति महिला संगठन की अध्यक्ष पार्वती वाधवानी ने कहा कि महिलाओं के लिए कार्यक्रम बहुत होते हैं, लेकिन बुजुर्गों के लिए कार्यक्रम बहुत कम होते हैं इसलिए हमने सोचा कि हम अपने बुजुर्गों के लिए कार्यक्रम करें। महेश अरोड़ा ने कहा कि सचमुच में हमारे बुजुर्ग माताएं लोग घर में अकेली रहती हैं। उनके लिए ऐसा कार्यक्रम होना चाहिए।