देहरादून, 21 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम तीर्थयात्री सुखद संदेश लेकर जाएं, इसके लिए तीर्थयात्रियों के सुरक्षित और सरल यात्रा बनाने के प्रयास किए जाएं। देवभूमि में आनेवाले श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिए यात्रा व्यवस्थाओं से जुडे़ अधिकारियों को हर समय सतर्क रहते हुए निरंतर समन्वय बनाने के निर्देश दिए।
मंगलवार सायं सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित चार धाम यात्रा, पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति व्यवस्थाओं के साथ ही वनाग्नि की रोकथाम के लिए प्रबंधन की मुख्य सचिव के सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं से जुडे़ अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाते हुए तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित बनाये जाने के प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े सभी जनपद यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए समन्वय के साथ कार्य करें।
जिला प्रशासन समस्याओं का तत्काल समाधान करें: मुख्यमंत्री ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को पुनः निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा से सबंधित जो भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए। चारधाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखे जाने के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए।
सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओं से फीडबैक भी लें: मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना पंजीकरण के जो श्रद्धालु उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर प्रवेश कर चुके हैं, वे चारों धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें वहां भेजे जाने के भी प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओं से फीडबैक भी लें ताकि समय रहते छोटी कमियों को भी दूर किया जाए।
जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से पेयजल व्यवस्था की जाए: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। चारधाम यात्रा में भी पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। पेयजल से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर पेयजल व्यवस्थाओं को देखें। जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से पेयजल व्यवस्था की जाए।
विद्युत मांग के अनुसार आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। इसके लिए तीनों निगम यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। राज्य में विद्युत की मांग के अनुसार आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं।
सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें: मुख्यमंत्री ने वनाग्नि को रोकने के लिये जन जागरूकता पर भी ध्यान देने को कहा। इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिये सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उनपर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।