गोविंद देवजी मंदिर में अरबों राम नाम पुस्तिकाओं की परिक्रमा करने उमड़े श्रद्धालु

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जयपुर, 3 दिसंबर (हि.स.)। जयपुर के ऐतिहासिक गोविंद देवजी मंदिर में मंगलवार से राम नाम परिक्रमा महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन श्री मन्माध्व गौड़ेश्वराचार्य श्री शील गोस्वामीपाद प्रद्युम्न कुमार देव जीऊ की 27वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गोविंद देव के दर्शन कर राम नाम की परिक्रमा करते हुए भक्ति और आस्था का अनोखा संगम प्रस्तुत किया।

सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक हजारों श्रद्धालु परिक्रमा में सम्मिलित हुए। मौन रहकर राम नाम का जाप करते हुए श्रद्धालु आध्यात्मिकता में डूबे रहे। कई भक्त राम धुन में इतने मग्न हो गए कि समय का भी ध्यान नहीं रहा। कुछ श्रद्धालुओं ने तो पूरे दिन परिक्रमा की।

श्रद्धालु लक्ष्मी देवी ने कहा “परिक्रमा का अनुभव शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव है।” वहीं, सीताराम शर्मा ने राम नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, “राम अद्भुत शब्द है। इसके स्मरण से समस्त देवी-देवताओं का वंदन हो जाता है।”

आयोजन का शुभारंभ गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में हुआ। सुबह हरिनाम संकीर्तन किया गया, जिसमें वैष्णवजनों ने संगीतमय भजनों से वातावरण को भक्ति मय बना दिया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि श्रद्धालु 15 दिसंबर तक परिक्रमा में भाग ले सकते हैं।

महंत रामभजन महाराज ने राम नाम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “जीते जी राम नाम जपना चाहिए। इससे जन्मों के पाप मिट जाते हैं। राम नाम जपना, सुनना और सुनाना प्रभु को पाने का सबसे सरल मार्ग है।”

धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडेय ने कहा, “अपने भीतर के राम को जाग्रत कर भारत को फिर से विश्वगुरु बनाया जा सकता है।”

श्रद्धालुओं की भावना और भक्ति ने एक बार फिर यह कहावत सत्य सिद्ध कर दी कि “राम से बड़ा राम का नाम है।” महोत्सव के पहले दिन ही अरबों राम नाम की परिक्रमा करते भक्त भाव विभोर नजर आए। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक बल्कि आत्मिक अनुभव का स्रोत बन रहा है।