हिसार, 17 जून (हि.स.)। उत्तर व दक्षिण भारतीय संस्कृति को एकसूत्र में बांधने वाले श्री तिरुपति बालाजी धाम में दूर-दराज के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित श्री तिरुपति धाम में दर्शनों के लिए पंजाब से अननिगत श्रद्धालु पहुंचे।
पंजाब के श्रद्धालुओं ने कई बसों में सवार होकर हरियाणा के विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया। इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को श्री तिरुपति धाम में पहुंचकर भगवान वेंकटेश जी, माता पद्मावती जी व माता गोदांबा जी के मंदिर के दर्शन किए। दक्षिण भारत से लाए गए ग्रेनाइट पत्थरों से निर्मित इन मंदिरों की छटा अलग ही है। इसी भांति उन्होंने श्री तिरुपति धाम में श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के भी दर्शन किए। श्रद्धालुओं में काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल रहे।
भगवान वेंकटेश जी की आराधना व पूजा करते समय पूरा धाम परिसर जय गोविंदा, जय तिरुपति बालाजी व जय भगवान वेंकटेश के उदघोष से गुंजायमान हो उठा। इस दौरान तिरुपति धाम में स्थापित 42 फुट ऊंचा सोने का श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम् व श्री तिरुपति यज्ञशाला भी विशेष दर्शनीय रहे। पवित्र पुष्करणी भी श्रद्धा का विशेष केंद्र बनी रही। उल्लेखनीय है कि धाम में 71 फुट ऊंचा गोपुरम भी निर्माणाधीन है। यह गोपुरम दक्षिण भारतीय शैली में वहीं के कारीगरों द्वारा निर्मित किया जा रहा है। गोपुरम का निर्माण पूर्ण होने के उपरांत अग्रोहा रोड पर लांदड़ी टोल प्लाजा के पास स्थापित श्री तिरुपति बालाजी धाम की आभा में चार चांद लग जाएंगे।