उत्तर प्रदेश का विकास: नए एयरपोर्ट के पास 7000 करोड़ की लागत से बनेगी टाउनशिप,5000 किसानों को नोटिस

वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ही आवास विकास परिषद 374 हेक्टेयर में टाउनशिप विकसित करेगा। इस काशी द्वार नाम की आवासीय योजना को परिषद के बोर्ड ने बुधवार को मंजूरी दे दी है। अगले सप्ताह से पिंडरा और उसके आसपास के 10 गांवों के पांच हजार से ज्यादा किसानों को जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस भेजा जाएगा।

जमीन अधिग्रहण पर 4961 करोड़ और यहां सुविधाएं विकसित करने पर 2003 करोड़ रुपये खर्च करेगा। 6964 करोड़ की इस आवासीय योजना में चार हजार से ज्यादा भूखंड उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। काशी विश्वनाथ धाम के पुनरोद्धार के बाद वाराणसी में रहने वालों की तेजी से बढ़ रही संख्या को आवास उपलब्ध कराने के लिए यह योजना धरातल पर उतारी जा रही है।

मॉल, होटल, बाजार और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को भी विकसित करने की योजना-

इसके तहत समोगरा, कैथोली, चकइंदर, पिंदरा, बेलवां, पिंदराई, पुरारघुनाथपुर, बसनी, बहुतरा और जद्दोपुर गांव की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। इस जमीन का काशीद्वार भूमि विकास गृहस्थान एवं बाजार योजना के तहत आवासीय मांग को देखते हुए अधिग्रहित की जाएगी। यहां बसने वालों की सहूलियत के लिए मॉल, होटल, बाजार और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को भी विकसित करने की योजना है।

हफ्ते भर में यहां के किसानों को नोटिस जारी होने का सिलसिला जारी हो जाएगा। हालांकि आवास विकास परिषद किसानों को नोटिस जारी कर सहमति के आधार पर जमीन की खरीद करेगा। सहमति के बाद बचे हुए किसानों से अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जमीन पर कब्जा होने के बाद सड़क, सीवर सहित अन्य जनसुविधाएं विकसित किया जाएगा। इसमें अलग-अलग क्षेत्र अधिसूचित कर सुविधाएं विकसित होगी।

नाद नदी में मिलाया जाएगा आवासीय योजना का शोधित जल-

काशी द्वार योजना के तहत यहां से निकलने वाले सीवर और गंदे पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधित कर नौ किलोमीटर दूर नाद नदी में डाला जाएगा। इसके लिए सरकारी नाले को चिन्हित किया गया है। इसे आवश्यकता के अनुसार विकसित किया जाएगा। नाद नदी धौरहरा के पास गोमती नदी में मिल जाती हैं।

काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर होगी किसानों से वार्ता-

आवास विकास परिषद ने टाउनशिप योजना को धरातल पर उतारने के लिए काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर सहमति के आधार पर जमीन खरीदने का निर्णय लिया है। इसमें किसानों को निर्धारित सर्किट रेट का चार गुना मुआवजा प्रस्तावित किया जाएगा। सहमति पर बैनामे के बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया की जाएगी। दरअसल, काशी विश्वनाथ धाम में करीब 400 से ज्यादा लोगों को सहमति के आधार पर विस्थापित किया गया है। यह पूरी प्रक्रिया अब ज्यादातर परियोजनाओं में लागू की जा रही है।

1572 खसरों की जमीन का होगा अधिग्रहण-

आवास विकास आवासीय योजना के लिए समोगरा के 71, कैथोली 123, चकइंदर के 112, पिंदरा 417, बेलवां के 249, पिंदराई के छह, पुरारघुनाथपुर के 115, बसनी 152, बहुतरा के 203 और जद्दूपुर के 124 नग खसरों की जमीन का अधिग्रहण करेगा। इसमें 45.419 हेक्टेयर जमीन ग्राम समाज और 0.887 हेक्टेयर जमीन आबादी के रूप में दर्ज है।

अखरी के पास आवासीय योजना के लिए बनेगा रास्ता-

वाराणसी में जीटी रोड बाइपास योजना के बीएचयू के पास रोड को कनेक्ट करने के लिए निबिया गांव के 26 खसरों की जमीन लगभग 4.8 हेक्टेयर को अधिग्रहित करने की मंजूरी भी बोर्ड से मिली है। दरअसल, जीटी रोड बाईपास योजना के लिए संपर्क मार्ग नहीं होने से यह परियोजना कई वर्षों से अधर में लटकी है।

एयरपोर्ट के पास काशी द्वार आवासीय योजना को आवास विकास परिषद के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। 374 हेक्टेयर में बसने वाली इस योजना में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। इससे चार हजार से ज्यादा लोगों को आवास का लाभ मिलने की उम्मीद है।