उत्तर प्रदेश में लखनऊ शहर के पांच छोटे रेलवे स्टेशनों का विकास किया जा रहा है, जिससे चारबाग जंक्शन और लखनऊ जंक्शन पर ट्रेनों और यात्रियों का दबाव कम होगा। इन स्टेशनों पर अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जाएगा, और यात्रियों के लिए नई सुविधाओं का भी समावेश किया जाएगा। इस योजना के तहत प्रस्ताव मुख्यालय को भेजे जा चुके हैं।
चारबाग जंक्शन पर रोजाना 257 से अधिक ट्रेनें चलती हैं, जिनसे लगभग एक लाख पच्चीस हजार यात्री यात्रा करते हैं। इसी प्रकार, लखनऊ जंक्शन पर भी यात्रियों का दबाव रहता है। ऐसे में, रेलवे प्रशासन ने इन दोनों प्रमुख स्टेशनों पर लोड कम करने के लिए एक योजना बनाई है, जिसके तहत कुछ छोटे स्टेशनों को डायरेक्शनल स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। इन स्टेशनों में मल्हौर, आलमनगर, मानकनगर, ट्रांसपोर्टनगर और उतरेटिया शामिल हैं।
इन स्टेशनों पर ट्रेनों का संचालन दिशा अनुसार किया जाएगा। जैसे कि आलमनगर से बरेली और मुरादाबाद रूट की ट्रेनें, मानकनगर से कानपुर और दिल्ली रूट की ट्रेनें, और मल्हौर एवं उतरेटिया से वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या और गोरखपुर रूट की ट्रेनें चलाई जाएंगी। इस तरह एक ही मार्ग की ट्रेनों को एक स्थान पर समाहित किया जाएगा।
यात्रियों की सुविधा के लिए इन स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर, वाटर वेंडिंग मशीन, और ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए भी इन स्टेशनों पर स्टॉपेज होंगे, ताकि यात्रियों को चारबाग या लखनऊ जंक्शन तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़े।