नाथद्वारा: राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में आधी रात को बुलडोजर से एक मकान को ध्वस्त कर दिया गया. उस परिवार ने 25 लाख रुपये उधार लेकर घर बनाया. महज एक नोटिस पर कुछ ही घंटों में इमारत को ढहा दिया गया। इसका विरोध किया गया है.
कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की बार-बार की जा रही बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाए. राजस्थान के नाथद्वारा में आधी रात को एक घर पर फिर बुलडोजर चला, जहां सुप्रीम कोर्ट अभी भी ताजा है. पीड़ित परिवार के मुताबिक, तारीख 18 सितंबर थी, लेकिन 17 सितंबर की आधी रात को अचानक घर पर बुलडोजर चला दिया गया. शाम को नोटिस दिया गया और आधी रात को कार्रवाई हुई. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि शहर में कई अन्य निर्माण नियमों के खिलाफ हुए थे, लेकिन राजनीतिक प्रतिशोध के कारण केवल एक इमारत पर मुकदमा चलाया गया।
घटना का वीडियो सामने आने के बाद हंगामा मच गया है. कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है और यह कदम उठाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी की है. जब नगर पालिका से इस बारे में पूछा गया तो अधिकारी ने कहा कि हमें इस नोटिस के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. सवाल उठ रहा है कि जब बुलडोजर चला तो नगर पालिका के 10-15 कर्मचारी भी मौजूद थे, तो इसकी जानकारी नगर पालिका के अधिकारियों को क्यों नहीं है? राजस्थान में सुप्रीम कोर्ट से टकराव से पहले भी भजनलाल सरकार पर बुलडोजर चलवाने की घटनाएं हो चुकी हैं. नाथद्वारा घटना पर राजस्थान कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाया.