रिश्तों में खटास के बावजूद भारत ने मोइज्जू सरकार को दी दो बड़ी राहतें, जानें क्या था फैसला?

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भारत मालदीव संबंध: भारत और मालदीव के बीच पिछले कुछ समय से रिश्तों में खटास थी, लेकिन अब दोनों देशों के बीच रिश्ते फिर से सुधर रहे हैं। अब भारत सरकार ने मालदीव को इस वित्तीय वर्ष के दौरान और राहत देते हुए देश के दो प्रमुख बंदरगाहों से आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दे दी है। ये दो प्रमुख बंदरगाह कांडला और विशाखापत्तनम हैं। इन दोनों बंदरगाहों को प्रतिबंधित श्रेणी का माना जाता है। इस प्रकार, अब भारत के कुल छह बंदरगाहों से मालदीव को आवश्यक वस्तुओं का निर्यात किया जा सकता है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक बयान जारी कर कहा कि विशाखापत्तनम और कांडला बंदरगाहों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मालदीव को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात के लिए अनुमोदित बंदरगाहों की सूची में शामिल किया गया है। जो फिलहाल प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल है

 

 

मालदीव और भारत के बीच व्यापार बढ़ा

मालदीव और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार भी इस साल बढ़ा है। वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच व्यापार 973.37 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 978.56 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। वर्ष 2022-23 में भारत का निर्यात 476.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर था जो बढ़कर 892 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। भारत से इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पाद, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, समुच्चय, दवाएं, फार्मास्यूटिकल्स, सीमेंट, फल, सब्जियां, चावल, मसाले और पोल्ट्री उत्पाद आदि निर्यात किए जाते हैं। इसके अलावा स्क्रैप मेटल का आयात मुख्य रूप से मालदीव से भारत में किया जाता है।