मानहानि मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गईं
डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट को बताया कि मानहानि मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से तीन फरीदकोट में दर्ज की गई हैं. हाईकोर्ट ने पिछले महीने ही इन तीनों एफआईआर पर डेरा प्रमुख की सुनवाई पर रोक लगा दी है और पूरा मामला हाईकोर्ट की बड़ी बेंच को रेफर कर दिया गया है. लेकिन बठिंडा और मोगा की एफआईआर में डेरा प्रमुख पर कार्रवाई हो सकती है.
डेरा प्रमुख की याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर 21 मई तक जवाब देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पंजाब सरकार को यह भी आदेश दिया है कि अगर इन मामलों में डेरा प्रमुख के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो डेरा प्रमुख को सात दिन का नोटिस दिया जाए.
ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई
मार्च में, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को एक बड़ी राहत देते हुए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने ईशनिंदा मामले में उनकी भूमिका के लिए निचली अदालत में उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को एक बड़ी पीठ के पास भी भेज दिया है ताकि यह तय किया जा सके कि ईशनिंदा मामलों की जांच सीबीआई को करनी चाहिए या नहीं।
हाई कोर्ट के समक्ष मामले में मुख्य मुद्दा यह था कि क्या राज्य द्वारा सीबीआई जांच के लिए दी गई सहमति को बाद में राज्य द्वारा वापस लिया जा सकता है।
डेरा प्रमुख के वकील ने दलील दी कि सीबीआई पहले ही मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर चुकी है और पंजाब सरकार, जो पहले मामले को सीबीआई को सौंपने पर सहमत हुई थी, ने बिना किसी अधिकार के अपनी सहमति वापस ले ली है।
पंजाब सरकार का नोटिफिकेशन 2019 रद्द करने के निर्देश
अपनी याचिका में डेरा प्रमुख ने पंजाब सरकार की 6 सितंबर, 2018 की अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है, जिसके माध्यम से राज्य सरकार ने ईशनिंदा मामलों में सीबीआई जांच के लिए अपनी सहमति वापस ले ली थी।
बता दें कि 2015 के बरगाड़ी ईशनिंदा मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिसमें डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई फरीदकोट कोर्ट से चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दी थी.