साल 2024 की शुरुआत के साथ ही ठंड ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। उत्तर भारत में शीतलहर चरम पर है, और मौसम विभाग ने कई राज्यों में कोहरे और कड़ाके की ठंड का अलर्ट जारी किया है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर निचले इलाकों में भी साफ नजर आ रहा है। कश्मीर में बर्फबारी के चलते डोडा में वाटरफॉल जम गया। वहीं, मध्य प्रदेश में अगले तीन दिनों के लिए कड़ाके की ठंड का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम का हाल: कहां कैसा रहेगा मौसम?
1. शीतलहर:
- पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में शीतलहर का असर रहेगा।
- इन इलाकों में ठंडी हवाओं के साथ तापमान में गिरावट जारी रहेगी।
2. बारिश और तेज हवाएं:
- तमिलनाडु और पुडुचेरी में हल्की बारिश होने की संभावना है।
- इन क्षेत्रों में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
3. नॉर्थ-ईस्ट में फ्रॉस्ट:
- असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में ग्राउंड फ्रॉस्ट कंडीशन बनी रहेगी।
घने कोहरे का अलर्ट
2 जनवरी को:
- पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और ओडिशा के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाएगा।
2-3 जनवरी को:
- हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में घने कोहरे की संभावना।
- 2 से 6 जनवरी के बीच नॉर्थ-ईस्ट राज्यों (असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा) में भी घना कोहरा रहेगा।
कड़ाके की ठंड:
- 2 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश में ठंड चरम पर होगी।
सबसे ठंडा इलाका: लाहौल-स्पीति का ताबो गांव
- हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के ताबो गांव में तापमान -16.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सबसे ठंडा रहा।
2024: भारत का सबसे गर्म साल
2024 का तापमान रिकॉर्ड:
- भारत में 2024 1901 के बाद का सबसे गर्म साल रहा।
- औसत न्यूनतम तापमान LPA (Long Period Average) से 0.90 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के DG मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, 2024 में भारत का औसत लैंड सरफेस एयर टेम्परेचर 1991-2020 के औसत से 0.65 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
2024 ने तोड़ा 2016 का रिकॉर्ड:
- 2016 में औसत तापमान सामान्य से 0.54 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था।
- 2024 ने यह रिकॉर्ड तोड़कर सबसे गर्म साल का दर्जा हासिल कर लिया।
वैश्विक तापमान:
- यूरोपीय जलवायु एजेंसी ‘कोपरनिकस’ के अनुसार, 2024 वह साल हो सकता है जब वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाएगा।