जम्मू, 25 जून (हि.स.)। अभाविप जम्मू और कश्मीर के डोगरी छात्रों और विद्वानों के प्रतिनिधिमंडल ने आगामी शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में डोगरी के लिए संविदा व्याख्याता पदों की संख्या बढ़ाने के लिए जम्मू में स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने हाल के नोटिस पर अपनी चिंता व्यक्त की, जिसमें जम्मू में 400 से अधिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और इस विषय में कई मौजूदा रिक्तियां होने के बावजूद डोगरी के लिए केवल एक संविदा पद का विज्ञापन किया गया था। जम्मू और कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में से एक और जम्मू में 80 प्रतिशत आबादी द्वारा बोली जाने वाली डोगराओं की मातृभाषा डोगरी हमारे शैक्षणिक संस्थानों में ध्यान देने और बेहतर प्रतिनिधित्व की हकदार है।
राज्य संयुक्त सचिव सन्नक श्रीवत्स ने अपनी टिप्पणी में कहा कि, “केवल एक रिक्ति वाला वर्तमान विज्ञापन डोगरी भाषी लोगों और छात्रों के साथ घोर अन्याय है, जिन्होंने एक विषय के रूप में भाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त की है।” उन्होंने डोगरी स्नातकोत्तर और पीएचडी धारकों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला, जो सरकारी नौकरियों के लिए आयु सीमा के कगार पर हैं और अब अपने कैरियर की संभावनाओं को लेकर चिंतित और निराश हैं।
अभाविप जम्मू और कश्मीर ने स्कूल शिक्षा विभाग से उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में डोगरी के लिए संविदा व्याख्याता पदों की संख्या बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। इसके अलावा, संगठन ने जम्मू संभाग के सभी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में डोगरी को एक विषय के रूप में पेश करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रतिनिधिमंडल में राज्य कार्यालय सचिव सुदर्शन डोगरा, जिला संयोजक विक्रांत सिंह और हीना चौधरी, सवतंत्र नेहरा, विजय कुमारी, कुलदीप और साहिल सहित अन्य विद्वान भी शामिल हुए।